लखनऊ में शनिवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई करने वाली विशेष सीबीआई अदालत ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित नौ आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने कहा, “एनआईसी को आरोपियों के निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा सुनिश्चित करने के लिए लिखा जाना चाहिए, जिनकी सूची इस आदेश के साथ लगी हुई है.”
कोर्ट का कार्यालय, आदेश के अनुपालन में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले एनआईसी को इसकी सूचना देगा.
इस सूची में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेताओं सहित एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, महंत नृत्य गोपाल दास, आचार्य धर्मेंद्र देव, आर एन श्रीवास्तव, जय भगवान गोयल, अमर नाथ गोयल और सुधीर कक्कड़ के नाम शामिल हैं. सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज किए जाने हैं.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, अदालत ने लगभग सभी आरोपियों से पूछे जाने वाले लगभग 1,000 सवालों की एक सूची तैयार की है. ट्रायल कोर्ट ने अभियोजन एजेंसी सीबीआई की ओर से अभियुक्तों को लेकर साक्ष्यों के आधार पर प्रश्नों को तैयार किया है.
सीबीआई के वकील ललित सिंह ने कहा, “विशेष अदालत एक आरोपी को उस विशेष तथ्य और सबूत के बारे में बताती है, जो उसके खिलाफ मुकदमे के दौरान आया था और फिर उसे बोलने के लिए कहा जाता है कि वह इस बारे में क्या कहना चाहता है.”
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