बिहार की नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट ने जोरदार फटकार लगाई। ये फटकार उनको पुलिस विभाग में करीब 30,000 खाली पदों को भरने में हो रही देरी को लेकर लगाई है। अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि लगता है सरकार को आम नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा की परवाह नहीं है। पुलिस विभाग जो गृह मंत्रालय के अंदर आता है वो सीएम नीतीश कुमार के पास ही है।

कोर्ट द्वारा यह पूछे जाने पर कि आखिर इन पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा है। इस पर राज्य सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया कि अगले चार वर्षों में इन पदों पर भर दिया जाएगा। राज्य सरकार के इस आश्वासन पर कोर्ट ने आपत्ति जताई और पूछा कि आखिर अगले दस साल के अंदर ये सारे पद क्यों नहीं भरे जा सकते।
अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव को इस मामले में 13 अगस्त को उपस्थित होकर बताने का निर्देश दिया है कि आखिर इन खाली पदों को भरने में कम से कम कितना वक्त लगेगा।
यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा था जहां एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वो अपने पुलिस विभाग के खाली पदों को चरणबद्ध तरीके से भरें। यह आदेश अप्रैल 2017 में पारित किया गया था और 2020 में अगस्त तक सभी खाली पदों पर नियुक्तियां की जानी थी।
इसी आदेश में हर राज्य के हाईकोर्ट को इस मामले की मॉनिटरिंग करने का भी आदेश भी जारी किया गया था। हर हफ्ते हाईकोर्ट से दो या तीन विषयों पर फटकार अवश्य लगता है।
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