वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधेयक सभी नागरिकों के संविधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन और न्यायिक सुधारों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पूर्ण पारदर्शिता, कानूनी स्पष्टता और न्यायिक संतुलन स्थापित करना है। यह विधेयक किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए लाया गया है।
इसके लागू होने से झूठे और अवैध दावों पर रोक लगेगी, जिससे भूमि एवं संपत्ति से जुड़े विवादों का निष्पक्ष समाधान हो सकेगा। साथ ही यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग न हो और वे समाज के व्यापक हित में उपयोग की जाएं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों को सीमित करते हुए, संविधान के दायरे में लाना जरूरी था। क्योंकि कांग्रेस की सरकारों ने वोट बैंक के लालच में वक्फ कानून को जमीन अधिग्रहण का एक काकस तैयार कर दिया था। 2013 के संशोधन के बाद 2014 चुनावों में लाभ लेने के लिए दिल्ली की प्राइम लोकेशन की 113 संपत्ति बोर्ड के सरमायेदारों को दे दी थी। भाजपा सरकार ने इस कानून में संशोधन कर इसे पुनः संविधान के दायरे में ला दिया है।
अब इनके किसी भी जमीन कर हाथ रखने से उनकी संपत्ति नहीं होगी। पीड़ित न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। कांग्रेस सरकार ने ये अधिकार भी आम लोगों से छीन लिया था। उन्होंने कहा कि महज मुस्लिम समाज के ठेकेदार इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद देवभूमि में भी पहले से जारी अवैध कब्जों को खाली करने की हमारी कार्रवाई अधिक तेज हो जाएगी।
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