सीआरपीएफ का सेहत महाअभियान, तीन महीने में सुधारनी होगी फिटनेस

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने पहली बार जवानों के लिए सेहत और फिटनेस अभियान शुरू किया है। बल का उद्देश्य जवानों और अधिकारियों को शारीरिक रूप से फिट और युद्ध के लिए तैयार रखने का है। जवानों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) रिकॉर्ड लिया जाएगा और मानक रेंज से बाहर होने पर इसे ठीक करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।

सीआरपीएफ के महानिदेशक ने मुख्यालय में अपना बीएमआइ दर्ज कराया

सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि फिट फोर्स और मजबूत फाइटिंग फोर्स की अवधारणा के तहत 44 दिन का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। सिंह ने मुख्यालय में अपना बीएमआइ दर्ज कराया। ये अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसे दो चरणों में आगे बढ़ाया जाएगा।

सीआरपीएफ ने एक बयान में बताया कि 58 साल से कम के सभी जवानों और अधिकारियों को अपना बीएमआइ दर्ज कराना अनिवार्य है और 58 से 60 वर्ष के बीच के कर्मचारियों के लिए ये स्वैच्छिक है। अभियान में शामिल होंगे 3.25 लाख जवान सीआरपीएफ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस अभियान में तीन लाख से ज्यादा जवान हिस्सा लेंगे।

दो चरणों में ये अभियान लागू किया जाएगा

गौरतलब है कि सीआरपीएफ देश की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स है। दो चरणों में ये अभियान लागू किया जाएगा, जिसमें पहले चरण में ज्यादा बीएमआइ वाले जवानों को खानपान दिशा-निर्देश, व्यायाम और निगरानी प्रशिक्षण अभियान के आधार पर फिट किया जाएगा। इसके लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।

तीन महीने बाद बीएमआइ फिर चेक होगा। मानक रेंज में नहीं आने पर दूसरे चरण में ऐसे जवानों को बल के तीन निर्दिष्ट विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में संरचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

क्या है बीएमआई

बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) यह जानने का एक वैज्ञानिक तरीका है कि किसी वयस्क का वजन उसकी लंबाई के अनुपात में है या नहीं। इसकी गणना किसी व्यक्ति के किलोग्राम में वजन को उसकी ऊंचाई (वर्ग मीटर में) से भाग देकर की जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक सामान्य बीएमआइ 18.5 और 24.9 के बीच होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का वजन 70 किलो है और उसकी लंबाई 1.75 मीटर है तो उसका बीएमआई (70/1.7531.75) यानी 22.86 होगा।

फर्जी ऐप से सावधान रहने को अलर्ट

सीआरपीएफ ने अपने 3.25 लाख से अधिक कर्मचारियों को एक अनधिकृत मोबाइल ऐप के खिलाफ सतर्क किया है। बताया गया कि ये बल के आधिकारिक ऐप की नकल कर रहा है। फोर्स की तरफ से चेतावनी दी गई कि ये जवानों के महत्वपूर्ण व्यक्तिगत और संगठनात्मक डाटा चोरी कर सकता है और गंभीर सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकता है।

फोर्स का ओरिजिनल ऐप ‘सीआरपीएफ संभव’ के नाम से

संभव एप्लिकेशन राइटर नाम के इस ऐप को विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों से प्रचारित किया जा रहा है। प्रेट्र के मुताबिक अधिकारियों ने साइबर सुरक्षा एजेंसियों से इस बारे में शिकायत की है। बता दें कि फोर्स का ओरिजिनल ऐप ‘सीआरपीएफ संभव’ के नाम से है।

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