परिजनों के मुताबिक उन्होंने कारगिल युद्ध में भी दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे। वह बहादुर तो थे ही, हरदिल अजीज भी थे। जिससे मिलते थे, उसे अपना बना लेते थे। एडवेंचर उन्हें पसंद था, बाइक का भी शौक था। हर सपने को पूरा करना भी उन्हें आता था।
हाल ही में वह लद्दाख के टाइगर मठ गए थे, जहां की फोटो उन्होंने फेसबुक पर अपलोड की थी। जानवरों से भी उन्हें बेहद लगाव था। दोस्ती निभाना अच्छे से आता था। मौत की खबर सुनकर उनके दोस्तों ने बिताए गए पलों को फेसबुक पर साझा किया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया : भारत को लगे चार झटके, कोहली 15 रन बनाकर हुए आउट
अश्विनी कुमार पोस्ट करते हैं कि अरुणाक्ष तुमने कई लोगों को जीवन दिया है। तुम असली हीरो हो। लखनऊ निवासी अजय तिवारी लिखते हैं कि आपके विचार हमेशा जीवित रहेंगे। मैं जो कुछ भी हूं, आपकी वजह से हूं। बोस्टन में रह रहे और माइक्रोसाफ्ट के कर्मचारी मनोज शर्मा कहते हैं कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा याद करूंगा।
IND Vs AUS : खराब शुरुआत के बाद संभला भारत, पुजारा ने लगाया अर्धशतक
अरुणाक्ष के भाई की साली तनुश्री मुखर्जी ने फेसबुक पर जानकारी दी कि अरुणाक्ष एयरफोर्स के लड़ाकू विमान के जांबाज पायलट रह चुके हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान जबर्दस्त समर्पण दिखाया था। वह कहती हैं कि वह मेरे रोल मॉडल थे। उन्हें फुटबॉल का खेल पसंद था। संगीत से भी लगाव था। किशोर कुमार, सुनिधि चौहान और एआर रहमान उनके प्रिय संगीतकार थे।
जानें कौन थे अरुणाक्ष नंदी
अरुणाक्ष रिटायर होने से पहले भारतीय वायुसेना में पायलट थे। उनके सहयोगी उनकी काबिलियत की कसमें खाते हैं। उनकी जांबाजी सिर्फ आसमान में ही नहीं जमीन पर भी बेमिसाल थी। यही वजह थी कि अरुणाक्ष भारतीय एयरफोर्स के सूर्य किरण दस्ते में भी शामिल थे। सूर्य किरण दस्ता अपने बाइक स्टंट्स के लिए जाना जाता है। अरुणाक्ष ने करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने उनके निधन पर दुख जताया है।
जानें कैसे हुआ हादसा
अरुणाक्ष सोमवार को मेदांता अस्पताल की एयर एंबुलेंस उड़ा रहे थे। एंबुलेंस ने नई दिल्ली से बैंकॉक के लिए उड़ान भरी थी। उसके जिम्मे डॉक्टरों की टीम की निगरानी में फेफड़े के एक मरीज को लाने का काम था। विमान ने कोलकाता में ईंधन भरा लेकिन नाखोन पैथेम हवाई अड्डे पर लैंडिंग से पहले ही हादसे का शिकार हो गया।