प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 763 गांवों के 1,32,000 जमीन मालिकों को उनके घर और उनके स्वामित्व वाले क्षेत्रों की संपत्ति के टाइटल्स की भौतिक प्रतियों को सौंपा।
यह एक महत्वपूर्ण भूमि स्वामित्व सुधार के रूप में किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण संपत्ति-मालिकों के वित्त में सुधार होगा। इसके अलावा सालों से चला आ रहा संपत्ति विवाद भी खत्म होगा।
इन टाइटल दस्तावेजों की मदद से उनके धारकों को ऋण लेने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों का रिकॉर्ड रखने में भी मदद करेगा। वर्तमान में ऐसा कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
इन टाइटल दस्तावेजों को ‘स्वामित्व’ परियोजना के तहत सौंपा गया है और 2024 तक 6.40 लाख गांवों की सभी अबादी क्षेत्रों का नक्शा तैयार किया जाएगा।
हरियाणा के 221, कर्नाटक के दो, महाराष्ट्र के 100, मध्यप्रदेश के 44, उत्तर प्रदेश के 346 और उत्तराखंड के 50 लोगों सहित 763 गांवों के घर मालिकों को टाइटल दस्तावेजों की भौतिक प्रतियों के साथ-साथ डिजिटल संपत्ति कार्ड सौंपे गए हैं।
प्रधानमंत्री विभिन्न लाभार्थियों से बात कर रहे हैं। एक लाभार्थी से बात करके हुए प्रधानमंत्री से पूछा कि अब तो आपको पक्के कागज मिल गए तो कोई दिक्कत तो नहीं हुई। तो लाभार्थी ने कहा- नहीं। मकान के कागज मिल गए बैंक से कर्ज मिल जाएगा तो क्या आप अपने काम को आगे बढ़ाएंगे, इसपर लाभार्थी ने कहा कि जरूर।
लाभार्थी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें मकान के पक्के कागज पर बैंक तीन लाख तक का कर्ज दे रहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे बच्चों को पढ़ाने और राजमिस्त्री बनने को मजबूर न करने को कहा।