अभी-अभी: सामने आया क्रिकेट का सबसे बड़ा फ्रॉड, दर्जनों क्रिकेटर हुए शिकार

अभी-अभी: सामने आया क्रिकेट का सबसे बड़ा फ्रॉड, दर्जनों क्रिकेटर हुए शिकार

क्रिकेट का सबसे बड़ा फ्रॉड सामने आया है, जिसके शिकार दर्जनों क्रिकेटर हुए हैं। मामला उत्तराखंड में आयोजित होने वाले उत्तराखंड प्रीमियर लीग से जुड़ा है। युवा क्रिकेटरों ने उत्तराखंड प्रीमियर लीग के आयोजकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि करीब दो वर्ष पूर्व आईपीएल की तर्ज पर आयोजित की गई प्रतियोगिता में खेलने वाले खिलाड़ियों को आज तक पैसे नहीं दिए गए हैं।अभी-अभी: सामने आया क्रिकेट का सबसे बड़ा फ्रॉड, दर्जनों क्रिकेटर हुए शिकार

राज्य से बाहर के ज्यादातर खिलाड़ियों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है। अब आयोजकों की ओर से फिर प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिससे नाराज खिलाड़ी पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

राज्य में वर्ष 2016 में यूपीएल का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया। प्रतियोगिता में आईपीएल की तर्ज पर टीमें बनाई गईं और फ्रेंचाइजी ने बोली लगाकर खिलाड़ियों को खरीदा। प्रतियोगिता में उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों से भी युवा क्रिकेटर पहुंचे। युवा क्रिकेटरों का कहना है कि तब उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए गए।

अब प्रतियोगिता समाप्त हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन ज्यादातर खिलाड़ियों को एक पैसा नहीं मिला। कुछ समय पूर्व खिलाड़ियों ने आयोजकों पर दबाव बनाया और शिकायत दर्ज करने की बात कही तब स्थानीय स्तर पर विरोध कर रहे कुछ खिलाड़ियों को दस-दस हजार रुपये की धनराशि दी।

इसमें भी देहरादून के अलावा अन्य स्थानों के खिलाड़ी छूट गए। अब एक बार फिर नौ से 25 मार्च तक प्रतियोगिता के आयोजन की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू हो गया है। जानकारी मिलते ही खिलाड़ी लामबंद होकर आयोजकों को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं।

2016 में यूपीएल खेलने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि कई बार कहने के बाद भी आयोजक उन्हें पैसा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराएंगे।

यूपीएल खेल चुके कुछ क्रिकेटरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब उन्होंने पैसे के लिए आयोजकों से बात की तो उन्हें करियर खराब करने की धमकी दी गई। उन्हें भविष्य में किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेलने देने की धमकी दी गई। उन्हें कहा गया कि पैसे तो मिल जाएंगे, लेकिन उसके बाद उत्तराखंड में कभी खेल नहीं पाओगे।

हम यूपीएल के आयोजन से नहीं जुड़े और न हमारा कोई मतलब है। यूपीसीए ने उसे गैर पंजीकृत टूर्नामेंट मानते हुए खिलाड़ियों के खेलने पर रोक लगाई है। पिछले वर्ष भी अनुमति नहीं मिलने के कारण टूर्नामेंट नहीं हो सका था। इसके चलते आयोजक हमसे जुड़ना चाहते हैं। इससे यूपीसीए से उन्हें टूर्नामेंट की अनुमति मिल जाएगी। हम आयोजन में जुड़ेंगे या नहीं, यह अभी साफ नहीं है।  
-पीसी वर्मा, सचिव, सीएयू

प्रतियोगिता के समय कई फ्रेंचाइजी ने कहा था कि वे खिलाड़ियों का पैसा खुद देंगे और उन्होंने हमारा पैसा रोक दिया। वैसे भी खिलाड़ियों पर खर्चा बहुत ज्यादा हुआ है। शुरू में खिलाड़ी कहते हैं कि हमें केवल खेलना है, हमने उन्हें मौका दिया। उस पर भी तो पैसा खर्च हुआ। वैसे भी ज्यादातर स्थानीय खिलाड़ियों को हमने पैसे दे दिए हैं।

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