भारतीय टीम को छोड़कर शायद सभी टीमों में कोई न कोई खिलाड़ी ऐसा है, ऐसा रहा है, जिसने दूसरे देश में जन्म लिया है और किसी अन्य देश के लिए क्रिकेट खेला है। इंग्लैंड की टीम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसमें कप्तान इयोन मोर्गन आयरलैंड से हैं, बेन स्टोक्स न्यूजीलैंड से हैं, जोफ्रा आर्चर वेस्टइंडीज से हैं, जेसन रॉय साउथ अफ्रीका से हैं। सिर्फ इंग्लैंड ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की टीमों में भी विदेशी खिलाड़ी खेल रहे हैं या फिर खेल चुके हैं।
ऐसा ही साउथ अफ्रीकाई टीम के साथ भी है, जिसमें पाकिस्तान के लाहौर में जन्मे दिग्गज स्पिनर इमरान ताहिर खेलते हैं। पाकिस्तान में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने साउथ अफ्रीका के लिए करीब एक दशक तक क्रिकेट खेली है। यहां तक कि साउथ अफ्रीकाई टीम के लिए वे आज भी टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में सक्रिय हैं, लेकिन उन्होंने अब इस बात का खुलासा किया है कि उनको मलाल है कि वे पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाए हैं।
उन्होंने वर्षों तक दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की अच्छी सेवा की है, लेकिन लाहौर में जन्मे लेग स्पिनर इमरान ताहिर को अपने शुरुआती वर्षों में वहां खेलने के बावजूद पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिलने से निराश हैं। ताहिर दक्षिण अफ्रीका चले गए और राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना शुरू कर दिया, जबकि दुनिया भर में टी20 लीग में विभिन्न फ्रेंचाइजियों का प्रतिनिधित्व भी किया है, लेकिन उनको आज भी पाकिस्तान के लिए नहीं खेल पाने का मलाल है।
इमरान ताहिर ने जीओ सुपर से बात करते हुए कहा है, “मैं लाहौर में क्रिकेट खेलता था और जिसके लिए मैं खेलता था वहां प्रमुख भूमिका निभाता था। मैंने अपना ज्यादातर क्रिकेट पाकिस्तान में खेला, लेकिन यहां मौका नहीं मिला, जिसके लिए मैं निराश हूं।” साउथ अफ्रीका में शिफ्ट करने से पहले, 41 वर्षीय ताहिर ने पाकिस्तान अंडर -19 और पाकिस्तान ए टीमों के लिए खेला था। उन्होंने अपनी पत्नी, सुमैया दिलदार को दक्षिण अफ्रीका जाने का श्रेय दिया।
उन्होंने कहा है, “पाकिस्तान छोड़ना मुश्किल था, लेकिन भगवान ने मुझे आशीर्वाद दिया और दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने का सबसे ज्यादा श्रेय मेरी पत्नी को जाता है।” इमरान ताहिर अब तक दक्षिण अफ्रीका के लिए 20 टेस्ट, 107 वनडे और 38 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भाग ले चुके हैं और तीनों प्रारूपों में क्रमश: 57, 173 और 63 विकेट झटक चुके हैं। उन्होंने पिछले साल विश्व कप के समापन के बाद अपने वनडे करियर से संन्यास लिया था।