बीन के आकार के अंग, किडनी की जिम्मेदारी में खून से बेकार पदार्थों और अतिरिक्त द्रव्यों को बाहर निकालना शामिल है। जिससे शरीर का अंदरूनी संतुलन सही बना रहता है। किडनी का हेल्दी रहना शरीर के कई सारे फंक्शन्स के लिए बेहद जरूरी है। इलाज की पारंपरिक विधि आयुर्वेद में हाइड्रेशन का बहुत महत्व है, जिसके अंतर्गत पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। जिससे किडनी स्वस्थ बनी रहती हैं। पानी की कमी से किडनी की बीमारियों सहित कई और दूसरे तरह की समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। किडनी की सेहत के लिए हाइड्रेशन क्यों जरूरी है, इसके कुछ प्रमुख कारण यहां बताए जा रहे हैं।
जहरीले तत्वों को निकालना
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी को खून से जहरीले तत्वों और बेकार पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है। पानी की पर्याप्त मात्रा से किडनी सही काम करती रहती हैं, जिससे शरीर में हानिकारक तत्व इकट्ठा नहीं हो पाते।
किडनी स्टोन की रोकथाम
पानी की कमी से किडनी स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि कंसंट्रेटेड यूरिन से क्रिस्टल बन सकते हैं। पानी की पर्याप्त मात्रा यूरिन को पतला करती है, जिससे स्टोन बनने का खतरा कम हो जाता है।
इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने का मतलब शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखना है। इलेक्ट्रोलाइट्स मांसपेशियों और नसों के काम करने के लिए जरूरी होते हैं। इनके स्तर को बनाए रखने में किडनी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
ब्लडप्रेशर का नियंत्रण
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनियां ब्लडप्रेशर के नियंत्रण में मदद करती हैं, जबकि पानी की लगातार कमी से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर दबाव पड़ता है। इससे हाइपरटेंशन की समस्या होती है, जिसका हार्ट के साथ ही किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है।
हाइड्रेशन के लिए आयुर्वेद के नुस्खे
आयुर्वेद में केवल पानी पीने की ही सलाह नहीं दी जाती, बल्कि सही समय पर सही मात्रा में पानी पीने के लिए कहा जाता है। शरीर में पानी की मात्रा सही बनाए रखने के लिए यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं-
गर्म पानी के साथ दिन की शुरुआत: अपने दिन की शुरुआत गर्म पानी के गिलास से करें। इससे पाचन तंत्र बढ़िया रहेगा और शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकलेंगे।
पूरे दिन पानी पिएं: ज्यादा मात्रा में एक साथ पानी नहीं पीना चाहिए। इसके बजाय थोड़ा-थोड़ा पानी पूरे दिन पीते रहें। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और किडनियों पर बोझ भी नहीं पड़ेगा।
हर्बल टी: हर्बल टी जैसे- धनिया, सौंफ और जीरा हाइड्रेशन को बढ़ाते हैं और किडनी की सेहत सुधारते हैं। इनमें शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकालने का गुण होता है।
प्यास पर ध्यान दें: आयुर्वेद के अनुसार, हमें शरीर की भाषा सुननी चाहिए। जब भी प्यास लगे, पानी जरूर पिएं। लेकिन प्यास नहीं होने पर ज्यादा पानी पीने से बचें।
यूरिन का रंग देखें: यूरिन हल्के पीले रंग का होना चाहिए। गहरे पीले रंग के यूरिन से पानी की कमी के संकेत मिलते हैं, जबकि रंगहीन यूरिन से पानी की ज्यादा मात्रा का पता चलता है।
ध्यान रखें कि हाइड्रेशन का मतलब केवल पानी की मात्रा से नहीं है, बल्कि इसकी गुणवत्ता और समय भी महत्वपूर्ण होते हैं। आयुर्वेद के इन तरीकों को अपनाकर आप किडनी को हेल्दी बनाए रख सकते हैं। साथ ही इससे ओवरऑल हेल्थ भी अच्छी रहती है।