अमावस्या तिथि 3 फरवरी दिन रविवार को दिन में 11:12 बजे से प्रारम्भ होकर अगले दिन 4 फरवरी को 01:12 बजे तक व्याप्त रहेगी। उदया तिथि के कारण 4 फरवरी को होगा मुख्य स्नान।

उन्होंने बताया कि स्नान दान एवं श्राद्ध सहित मौनी अमावस्या का अत्यन्त पवित्र पर्व 4 फरवरी 2019 दिन सोमवार को बड़े ही आत्मीय ढंग से प्रयागराज के पावन भूमि पर पवित्र गंगा- जमुना एवं अदृश्य सरस्वती नदी के संगम में स्नान कर मनाया जाएगा। आज के दिन मौन रहकर स्नान-दान करने से परम पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि मौनी अमावस्या का यह पर्व सोमवार के दिन पड़ने के कारण सोमवती अमावस्या का अक्षय पुण्य भी प्राप्त होगा। सोमवार को सूर्योदय पूर्व से ही ब्रह्म मुहुर्त्त से ही अमावस्या का मान प्रारम्भ हो जाएगा। इस दिन श्रवण नक्षत्र रविवार की रात में 2 बजकर 27 मिनट से प्रारम्भ होकर सोमवार की रात में 4 बजकर 57 बजे तक व्याप्त रहेगी । इस प्रकार मौनी अमावस्या एवं सोमवती अमावस्या तथा श्रवण नक्षत्र का अति पुण्यदायक योग उपस्थित हो रहा है।
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निश्चित तौर पर यह अमृत सिद्धि योग एवं सर्वार्थसिद्धि के साथ सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग का पवित्र योग प्राप्त हो रहा है। इस प्रकार इस दिन किए गए स्नान दान सहित समस्त धार्मिक कृत्य अमृत तुल्य है। प्रयागराज के पावन संगम में स्नान दान निश्चित ही इस मौनी अमावस्या पर अमृत तुल्य होगा।
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