सरकार ने ईपीएफ से जुड़े नियमों में बड़ा फेरबदल किया है। नए प्रावधान के अनुसार अगर आपकी सैलरी 1 महीने तक नहीं मिली है यानी आप बेरोगजार हैं तो आप अपने भविष्य निधि खाते से 75 फीसदी तक जमा धनराशि निकाल सकते हैं। सोमवार को श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति एक महीने से रोजगार में नहीं है तो वो अपने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से 75 प्रतिशत तक जमा राशि निकाल सकता है।
उन्होंने लोकसभा में यह भी बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के केंद्रीय न्यासी मंडल (सीबीटी) ने बीती 26 जून को अपनी 222वीं बैठक में ईपीएफ योजना 1952 में पैराग्राफ 68एचएच को शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार किया था। मंत्री ने कहा कि ईपीएफ स्कीम 1952 में पूरी राशि निकालने की अनुमति उसी स्थिति में दी जाती है जब कर्मचारी लगातार दो माह तक नौकरी में न रहे। ऐसे में वह आवेदन देकर पूरी राशि निकाल सकता है। आवेदन देने के दो महीने बाद पीएफ की राशि उसके खाते में भेज दी जाती है। दो माह का यह वेटिंग पीरियड उस स्थिति में लागू नहीं होगा, जब कोई महिला सदस्य शादी की वजह से नौकरी से इस्तीफा दे रही हो। वर्तमान नियम के मुताबिक अगर किसी की नौकरी चली जाती है और वो लगातार दो महीने तक उस संस्था में नहीं रहता है तो वो अपने पीएफ खाते से पूरी रकम निकाल सकता है।
नौकरी बदली तो ट्रांसफर भी हो जाएगा पीएफ का पैसा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ‘वन एंप्लॉयी-वन पीएफ अकाउंट’ स्कीम भी लॉन्च कर चुका है। इसके तहत नौकरी बदलने के बाद भी आपका पीएफ अकाउंट नहीं बदलेगा। लेकिन ऐसे बहुत लोग हैं, जिनका पुराना अकाउंट भी चल रहा है और नई कंपनी में नया अकाउंट है। इस स्कीम के तहत वे लोग पिछले अकाउंट में जमा रकम को मौजूदा खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं।