हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री माइकल ई पोर्टर ने कहा कि हालांकि, भारत ने पिछले कुछ साल में उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है लेकिन गरीबी उन्मूलन एक चुनौती है क्योंकि समद्धि का निर्माण लंबी दौड़ है और इसमें दशकों लग सकते हैं.
भारत के राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक मंच को संबोधित करते हुए पोर्टर ने कहा, वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद देश ने वृहत आर्थिक नीति के मोर्चे पर अच्छी प्रगति की है…लेकिन समृद्धि का निर्माण लंबी दौड़ है. इसमें दशकों लगता है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में विशेष स्थान रखता है और यह ऐसा देश है जिसके समक्ष करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की चुनौती है.
पिछले कुछ साल में देश में रोजगारविहीन वृद्धि का जिक्र करते हुए प्रख्यात अर्थशास्त्री तथा लेखक ने कहा कि भारत के समक्ष कार्यबल की भागीदारी को लेकर बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा, अगर लोगों की भागीदारी नहीं हो सकती तब उनके लिये प्रणाली काम नहीं करती.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बिशप विलियम लारेंस यूनिवर्सिटी प्रोफेसर पोर्टर ने यह भी कहा कि जबतक सरकार व्यापार अनुकूल माहौल नहीं बनाती तबतक भारत सफल नहीं होने जा रहा. उन्होंने कहा, कंपनियां संपत्ति सृजित कर सकती हैं. सरकार संपत्ति सृजित नहीं कर सकती….हम कंपनियों के साथ वैमनस्य कर समृद्धि सृजित नहीं कर सकते. गौरतलब है कि पोर्टर नीति आयोग के ट्रांसफार्मिंग इंडिया श्रृंखला के तीसरे व्याख्यान में भाग लेने के लिये भारत आये हुए हैं.