याचिकाकर्ता ने बताया है कि इस केस में मुआवजे के लिए रेलवे ट्रिब्यूनल में केस चल रहा था। जहां उसे दिसंबर 2016 में उचित मुआवजा मिल चुका है। अब उसे पता चला है कि इस मामले में पंचकूला की एनआईए कोर्ट में भी केस चल रहा है जिसका ट्रायल पूरा होने वाला है। पहले उसे इस केस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में इस घटना के मृतकों और पीड़ितों को सही न्याय मिल सके उसके लिए अब याचिकाकर्ता के बयान रिकॉर्ड करवाया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि उनकी इस मांग को पंचकूला की एनआईए कोर्ट स्वीकार करने को तैयार नजर नहीं आ रही। कहा जा रहा है कि इस केस को लंबा खींचने के उद्देश्य से इस तरह की अर्जी दायर की जा रही है।
यह है मामला
18 फरवरी 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुए थे। यह रेल दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही थी। विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले के सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुए थे। विस्फोट और उसके बाद लगी आग में 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी तथा 13 अन्य घायल हो गए थे। मरने वालों में 10 भारतीय नागरिक थे। इस ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ पंचकूला की एनआईए की विशेष अदालत में मामला चल रहा है।