सऊदी अरब में लगभग डेढ़ वर्ष पहले गिरफ्तार की गई एक सऊदी महिला को वहां की एक विशेष अदालत ने 11 साल की सजा सुनाई है। अब मानवाधिकार समूहों ने सऊदी सरकार से उस महिला की रिहाई की मांग की है। महिला का नाम मनाहेल अल-ओतैबी है। 29 वर्षीय महिला फिटनेस ट्रेनर और वीमेन राइट्स एक्टिविस्ट है।
सऊदी अरब में लगभग डेढ़ वर्ष पहले गिरफ्तार की गई एक सऊदी महिला को वहां की एक विशेष अदालत ने 11 साल की सजा सुनाई है। अब मानवाधिकार समूहों ने सऊदी सरकार से उस महिला की रिहाई की मांग की है। महिला का नाम मनाहेल अल-ओतैबी है। 29 वर्षीय महिला फिटनेस ट्रेनर और वीमेन राइट्स एक्टिविस्ट है।
समूह का कहना है कि मनाहेल महिला अधिकारों के समर्थन और उनके पहनावे के लिए 11 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।
मंगलवार को एक संयुक्त बयान में एमनेस्टी इंटरनेशनल और लंदन स्थित सऊदी अधिकार संगठन एएलक्यूएसटी ने कहा कि 29 वर्षीय फिटनेस ट्रेनर और वीमेन राइट्स एक्टिविस्ट मनाहेल अल-ओतैबी को 9 जनवरी, 2024 को राज्य के विशेष आपराधिक न्यायालय में एक गुप्त सुनवाई के दौरान सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, अल-ओताइबी को कैद करने का निर्णय कुछ सप्ताह बाद ही सामने आया था, जब सऊदी सरकार ने मामले के बारे में जानकारी के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदकों के अनुरोध का जवाब दिया।
सऊदी अरब ने गिरफ्तारी पर दिया था यह जवाब
संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध के जवाब में जिनेवा में सऊदी अरब के मिशन ने जनवरी में एक पत्र में कहा था,
अल-ओताबी पर आतंकवादी अपराधों का आरोप है और उसे कानूनी रूप से वैध वारंट के तहत कानून के अनुसार गिरफ्तार किया गया था।
एमनेस्टी और एएलक्यूएसटी का दावा है कि मनाहेल के आरोप केवल उसके पहनावे और ऑनलाइन अपने विचारों को प्रकट करने से जुड़े हैं। विशेषकर उस पर सऊदी अरब की मेल गार्जियनशिप प्रणाली को खत्म करने के लिए सोशल मीडिया पर लोगों को जोड़ना, बिना अबाया पहने दुकानों पर जाना, अशोभनीय कपड़े पहने हुए खुद के वीडियो पोस्ट करना शामिल है।
भाग निकली थी महिला की बहन
समहू ने कहा कि मनोहेल की बहन फौजिया अल-ओतैबी पर भी इसी तरह के आरोप हैं, लेकिन 2022 में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद वह सऊदी अरब से भागने में सफल हो गई थी।
समूहों कहा कहना है कि सऊदी अरब के अधिकारियों को मनाहेल को तुरंत और बिना शर्त के रिहा करना चाहिए, क्योंकि उन्हें कैद करने का निर्णय सीधे तौर पर सुधार और महिला सशक्तिकरण के अधिकारियों के कथन का खंडन करता है।
सऊदी अरब पर एमनेस्टी इंटरनेशनल के केम्पेनर बिसन फकीह ने कहा,
मनाहेल की दोषसिद्धि और 11 साल की सजा एक भयावह और क्रूर अन्याय है।
दावा- मनाहेल को प्रताड़ित किया जा रहा
इन समूहों ने दावा किया है कि गिरफ्तारी के बाद अल-ओतैबी को रियाद की मलाज जेल में शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार किया गया। अप्रैल में उसने अपने परिवार को बताया कि उसे एकान्त कारावास में रखा जा रहा है, जहां उसका पैर टूट गया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय को लिखे अपने पत्र में जिनेवा में राज्य के मिशन ने कहा कि सऊदी अरब में किसी भी व्यक्ति को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता का प्रयोग करने के लिए हिरासत में नहीं रखा जाता है और राज्य संस्थानों का यह सुनिश्चित करना कानूनी दायित्व है कि सभी व्यक्तियों के साथ उनके धर्म, जाति, लिंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना उचित व्यवहार किया जाता है।
एमनेस्टी और एएलक्यूएसटी ने कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित 2022 पर्सनल स्टेटस लॉ को एक बड़ा सुधार माना जाता था। वास्तव में यह व्यवस्था के कई प्रतिबंधात्मक तत्वों को समाप्त करने के बजाय संहिताबद्ध करने का काम करता है, जिसमें विवाह, तलाक, बच्चों की अभिरक्षा और विरासत के मामले भी शामिल हैं।
एमनेस्टी और एएलक्यूएसटी ने कहा,
विडंबना है कि अल-ओतैबी को सुधारों के लिए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की प्रतिज्ञा में विश्वास था, फिर भी उन्हें इन स्वतंत्रताओं का प्रयोग करने के लिए 16 नवंबर 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया।