सऊदी अरब और कुवैत ने एक साझा तेल क्षेत्र से जुड़ा करीब पांच साल पुराना विवाद सुलझा लिया है। दोनों देश न्यूट्रल जोन में तेल उत्पादन पुन: शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि सऊदी ने यह स्पष्ट किया है कि इस सहमति के कारण कच्चे तेल का उत्पादन कम करने की ओपेक की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दोनों पड़ोसी देशों की जमीनी सीमाओं के बीच एक डिवाइडेड जोन है। 2015 में एक विवाद के बाद से यहां के तेल क्षेत्र में उत्पादन रोक दिया गया था। इस रोक से पहले यहां रोजाना करीब तीन लाख बैरल तेल प्रतिदिन निकाला जाता था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक, इस क्षेत्र की क्षमता रोजाना पांच लाख बैरल तेल उत्पादन की है।
विवाद खत्म करने और क्षेत्र में पुन: तेल उत्पादन शुरू करने के लिए दोनों देशों ने कुवैत में इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किया। सऊदी की तरफ से ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने समझौते पर हस्ताक्षर किया। वह पिछले कुछ साल से पड़ोसी देश से इस विवाद को सुलझाने की दिशा में काम कर रहे थे। कुवैत की समाचार एजेंसी ने बताया कि समझौते के इस खास पल के लिए भव्य समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान कुवैत के विदेश मंत्री, ऊर्जा मंत्री एवं अन्य कई अधिकारी उपस्थित रहे थे।
इस बीच, सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि इस समझौते के कारण सऊदी अरब की उस प्रतिबद्धता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिसके तहत कच्चे तेल के उत्पादन को घटाकर 97 लाख बैरल प्रतिदिन करने को कहा गया है।
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