संसद का शीतकालीन सत्र आज से, SIR के मुद्दे पर हंगामे के आसार

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। एक तरफ जहां सरकार इस दौरान सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र, उच्च शिक्षा ढांचा सुधार और कॉरपोरेट/शेयर बाजार विनियम समेत 10 महत्त्वपूर्ण विधेयक रखने जा रही है। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष एसआईआरके मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारियों में है।

संसद में नौ नए बिल होंगे पेश
संसद के शीतकालीन सत्र में परमाणु ऊर्जा विधेयक-2025 के साथ 9 नए बिल पेश होने हैं। सरकार ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए नौ आर्थिक विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें बीमा कानूनों में संशोधन करने वाला एक विधेयक और तंबाकू तथा पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर कर और उपकर लगाने से संबंधित दो अन्य विधेयक शामिल हैं।

साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों का पहला बैच शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) के दौरान पेश किया जाएगा।

बीमा क्षेत्र से जुड़ा विधेयक होगा पेश
आगामी सत्र के लिए संसद सदस्यों को भेजी गई विधेयकों की सूची के अनुसार, सरकार नई पीढ़ी के वित्तीय सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के लिए बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करने की योजना बना रही है। अब तक बीमा क्षेत्र ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( एफडीआई) के माध्यम से 82,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है।

तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने वाला बिल होगा पेश
इसके अलावा, केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ को सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। विधेयक में सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने का प्रावधान है, जो जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा।

स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025′पान मसाला पर लगने वाले मुआवजा उपकर की जगह लेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए संसाधन बढ़ाना और उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर उपकर लगाना है जिनसे निर्दिष्ट वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन किया जाता है।

तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी
वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, और इसके साथ ही अलग-अलग दरों पर मुआवजा उपकर भी वसूला जाता है। इसके अलावा, प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यह विधेयक व्यापार में आसानी के लिए एक एकीकृत प्रतिभूति बाज़ार संहिता सुनिश्चित करेगा।

सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए ये नेता
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में दोनों सदनों के विधायी कार्यों और विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा की गई। सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से क्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा में सदन के नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए।

वहीं, विपक्ष की ओर से कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, कोडिकुनिल सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, समावादी पार्टी के अखिलेश यादव, द्रमुक के तिरुचित शिवा और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

विपक्ष ने वोट चोरी को बताया अहम मुद्दा
बता दें कि सर्वदलीय बैठक से पहले कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष निर्वाचन आयोग के साथ ‘मिलीभगत’ से सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा कथित तौर पर ‘वोट चोरी’ किए जाने का मुद्दा उठाएगा। उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र की हत्या की जा रही हो और सिर्फ ‘वोट चोरी’ नहीं, बल्कि ‘वोट डकैती’ की जा रही हो, तो यह एक मुद्दा अहम होगा।

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