कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है.

सीएम योगी ने आईपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता समेत चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
प्रदेश में बढ़ते क्राइम से सीएम योगी नाराज हैं और कई अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है.
कानपुर में बिकरू हत्याकांड के बीच ही कानपुर के बर्रा से एक खबर आई कि यहां लैब असिस्टेंट संजीत यादव का पहले अपहरण होता है.
पुलिस के भरोसे पर परिवार गहने-जेवर बेचकर 30 लाख की फिरौती जुटाता है. 30 लाख की फिरौती भी दे दी जाती है, लेकिन पुलिस अगवा युवक को बचा नहीं पाती और उसकी हत्या हो जाती है..
संजीत यादव की बहन का आरोप है कि थानेदार से लेकर पुलिस अफसर तक सभी भाई की मौत के जिम्मेदार हैं. वहीं, पुलिस के मुताबिक अपहरण की साजिश में संजीत के ही कुछ दोस्त शामिल थे. पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया. दो आरोपी महिलाओं में से भी एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के मुताबिक, 26 जून को अपहृत संजीत यादव ने भागने की कोशिश की थी, तभी अपहरणकर्ताओं ने गला दबाकर हत्या की और 27 जून को संजीत का शव नहर में फेंक दिया.
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल लिया है. आरोपियों ने बताया कि वो फिरौती मिलने के बाद संजीत को छोड़ने वाले थे लेकिन संजीत ने भागने की कोशिश की, इसलिए मार डाला..
पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही एकदम साफ नजर आ रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ बर्रा और चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया.
इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई थी और उन्होंने आईपीएस अफसर समेत चार पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
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