जापान चाहता है कि श्रीलंका का दक्षिणी हंबनटोटा बंदरगाह ‘सैन्य गतिविधियों से मुक्त’ हो। श्रीलंका पहुंचे जापान के रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरानी ने यहां चीन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए यह बयान दिया। ओनोडेरानी, जो मंगलवार को यहां पहुंचे, श्रीलंका आने वाले पहले जापानी रक्षा मंत्री हैं। श्रीलंका में बढ़ते चीनी प्रभाव पर क्षेत्रीय चिंताओं के बीच उनकी यात्रा अहम मानी जा रही है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बैठकों के बाद जापानी न्यूज चैनल से बात करते हुए ओनेडेरा ने कहा कि उन्होंने चीनी मुद्दे को श्रीलंका के साथ उठाया था। लीज के बावजूद एक समझौता हुआ है कि बंदरगाह सैन्य गतिविधियों से मुक्त रहना चाहिए। जापानी रक्षामंत्री का हंबनटोटा बंदरगाह जाने का भी कार्यक्रम है। श्रीलंका ने चीन को हंबनटोटा बंदरगाह 99 साल की लीज पर दिया है। यह बंदरगाह अभी चीन की कंपनी के अधिकार में है। चीन इसके करीब ही एक बड़ा आर्थिक क्षेत्र भी विकसित कर रहा है, लेकिन कूटनीतिक जानकार मानते हैं कि इसे हासिल करने के पीछे चीन का असली मकसद भारत को हिंद महासागर में चारों तरफ से घेरना है।
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