श्रीकृष्ण की एक नहीं 3 गीता है, अर्जुन के अलावा और किसी को भी दिया था ज्ञान

कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के मुख से गीता को अर्जुन के अलावा संजय और भगवान शंकर ने सुनी थी। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान समय समय पर सभी को दिया है। विश्व में सर्वाधिक लेखन गीता के ज्ञान पर ही हुआ है। गीता पर विश्वभर में अनेकों व्याख्‍यान, भाष्य, टिकाएं लिखी गई और जिसने उसे जैसा समझा वैसा लिखा या प्रवचन दिया। गीता को पढ़ना और गीता की व्याख्याओं आदि को पढ़ने में बहुत अंतर है। गीता को समझने के लिए सिर्फ गीता ही पढ़ना चाहिए। आओ जानते हैं श्रीकृष्ण ने कैसे और किस समय कही तीन गीता।
1. कुरुक्षेत्र की गीता : महाभारत में कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच जो संवाद हुआ था उसे भगवद्गीता कहा जाता है। श्रीकृष्ण ने गीता के माध्यम से वेद और उपनिषदों के ज्ञान को अनूठी शैली में सार रूप में प्रस्तुत किया था। इस ज्ञान को गीता ज्ञान भी कहा जाता है। गीता महाभारत का एक अंश है।
2. अनु गीता : यह गीता भी श्रीकृष्ण द्वार अर्जुन को दिया गया वह ज्ञान है तो युद्ध के बाद दिया गया था। यह ज्ञान उस वक्त दिया गया था जब पांडव हस्तिनापुर में राज कर रहे थे। यह गीता भी महाभारत का अंश ही है।
3. उद्धव गीता : उद्धव गीता भागवत पुराण का हिस्सा है। यह ज्ञान श्रीकृष्‍ण अपने सौतेले भाई उद्धव को देते हैं। इसे हंस गीता भी कहा जाता है। इसमें लगभग 1000 से अधिक छंद है।
इसके अलावा भी श्रीकृष्ण के समय समय पर कई जगह गीता का ज्ञान दिया था। यह भी कहा जाता है कि युद्ध के दौरान प्रतिदिन शिविर में श्रीकृष्ण पांडवों को कुछ न कुछ ज्ञान देते ही रहते थे। उन्होंने रुक्मिणी सहित अपनी सभी पत्नियों को भी ज्ञान दिया था। उनके और राधा के बीच के संवाद को भी गीता ही माना जाएगा। उनके और ब्रह्मा के बीच के संवाद को भी गीता ही माना जाएगा। जय श्रीकृष्ण।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com