शेयर बाजार में कब आएगी गिरावट, जानें एक्सपर्ट्स का क्या है कहना

निफ्टी ने 13,800 अंक और सेंसेक्स ने 47,000 अंक का नया उच्च स्तर हासिल कर लिया है और इसके बाद भी इन दोनों एक्सचेंजों के नीचे आने के कोई संकेत नहीं हैं। अभी भी CLSA ने शॉर्ट रन में 14200 और लॉन्ग रन में 18800 का टार्गेट रखा है। इससे पहले गोल्डमैन सॉक्स ने 14000 अंक का टार्गेट रखा था। हालांकि, सीएनआई रिसर्च पूर्वानुमान के मामले में इन सब से बहुत आगे है। इसने साल 2019 में ही साल 2020 के लिए 14,000 का लक्ष्य रख दिया था और जब निफ्टी 7500 तक चला गया, उसके बाद भी हमारा आत्मविश्वास हिला नहीं था। हमने अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए।

इस सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से ठीक हो रही है और बजट 2021 अच्छा रहेगा। अब ऐसा लगता है कि यह बात अगले 40 दिनों के लिए बजट पूर्व उछाल में मदद करेगी। अब सवाल यह है कि क्या बजट बाजार की उछाल को इसी तरह बनाए रखने देगा…? हमारा जवाब है नहीं।

इस तथ्य के बावजूद कि पिछले 7 महीने में 2 लाख करोड़ से अधिक का अभूतपूर्व एफपीआई निवेश आया है और इतना ही और आना अभी बाकी है, हम मानते हैं कि बाजार को कुछ सांस लेने की जरूरत है। हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में एफपीआई प्रवाह का विवरण दिया था, इसलिए हम यहां इसे नहीं दोहराएंगे। रॉबिन हुड निवेशकों से भी भारी धन आ रहा है। पुराने निवेशक बंपर मुनाफे के रूप में कई टन नकदी पर बैठे हैं। घरेलू संस्थागत निवेशकों, जिन्होंने पिछले सात महीनों में 1.7 लाख करोड़ से अधिक की बिकवाली की है, वे गिरावट को पचाने के लिए तैयार हैं।

मिड कैप और स्मॉल कैप में उछाल ने भी खुदरा निवेशकों के हाथों में ताजा निवेश के लिए पर्याप्त नकदी इकट्ठा कर दी है। ये सभी कारक बताते हैं कि हर कोई एक गिरावट चाहता है और यह उस समय नहीं आती, जब हमें इसकी चाह होती है। इस समय एफपीआई फ्लो जारी है और जब तक यह जारी है, तब तक बाजार में गिरावट मुश्किल दिखती है। हम पहले ही कह चुके हैं कि वैल्यूएशन मैट्रिक्स अभी भी उछाल की ओर इंगित करती है।

पिछले 6 महीने में विश्व शेयर बाजार का प्रदर्शन भी शानदार रहा, लेकिन भारत ने असाधारण प्रदर्शन किया है। आइए जानते है कि किस देश के शेयर बाजार में कितनी उछाल आई है।

जापान में 18%

सिंगापुर में 7.1%

हांग कांग में 9.59%

ताइवान में 23.8%

दक्षिण कोरिया में 29.8%

इंडोनेशिया  में 21%

नैस्डैक में 28%

यूके में 5.21%

जर्मनी में 11%

फ्रांस में 12.29%

चीन में 16.14%

भारत में 39.06%

हम सीएनआई में एक डिफेंसिव दृष्टिकोण का पालन कर रहे हैं, जहां हम अभी भी निचले स्टॉक्स की तलाश कर रहे हैं, जहां आपको कुछ मिलेगा। एफ एंड ओ में हम हेज ट्रेड्स का अनुसरण कर रहे हैं, जो कि लंबे समय के लिए है हमारे पास कम समय के लिए भी हैं। 90 फीसद मामलों में हम दोनों तरफ सही गए हैं। 10 फीसद में अभी भी शुद्ध मुनाफा है।

वह इसलिए, क्योंकि हम बजट के बाद 5 से 10 फीसद की गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। एफपीआई हमेशा बेहद तेज प्रतिक्रिया देता है। उन्होंने पहले कोविड-19 महामारी आने पर बहुत नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और मार्च-अप्रैल में 70,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिये थे। इसके साथ ही आपने निफ्टी को 7500 तक गिरते हुए देखा। तब उन्होंने क्यूई पर प्रतिक्रिया दी और 7 महीने में 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किए। इसका परिणाम यह हुआ कि निफ्टी 14,000 के करीब पहुंच गया। अव वे फिर से बजट पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं, क्योंकि बजट से अपेक्षाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं।

वित्त मंत्रालय के लिए सभी निवेशकों को खुश रखते हुए राजकोषीय समेकन वापस लाना वास्तव में कठिन कार्य होगा, इसलिए हम मानते हैं कि केवल बजट ही बाजार को गिरा सकता है। ऐसे में सुरक्षित खेलें और परिस्थिति को समझकर कदम उठाएं और लीवरेजिंग से बचें।

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