चीनी अरबपति और ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और आंट ग्रुप के मालिक जैक मा पिछले दो महीने से लापता हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निशाने पर आने के बाद से वे किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए हैं। जबकि उनकी कंपनी पर लगातार कार्रवाई जारी है। जैक मा के इस तरह गायब होने के बाद कई तरह के संदेह भी जाहिर किए जा रहे हैं।
जैक मा चीन में अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में बतौर वक्ता मौजूद रहते हैं और अपने मोटिवेशनल भाषणों के लिए भी युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने पिछले साल अक्तूबर में शंघाई में एक कार्यक्रम के दौरान चीन के ब्याजखोर वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की तीखी आलोचना की थी। जैक मा ने सरकार से आह्वान किया था कि सिस्टम में बदलाव किया जाना चाहिए ताकि बिजनेस में नई चीजें शुरू करने के प्रयासों को दबाने नहीं जाए। उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को ‘बुजुर्गों लोगों का क्लब’ करार दिया था।
इस भाषण के बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी भड़क उठी। जैक मा की आलोचना को कम्युनिस्ट पार्टी पर हमले के रूप में लिया गया। इसके बाद जैक मा के बुरे दिन शुरू हो गए। उनके कारोबार के खिलाफ तरह-तरह की जांच शुरू कर दी गईं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर चीनी अधिकारियों ने जैक मा झटका देते हुए पिछले साल नवंबर में उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया।
एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की थी कि जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को रद करने का आदेश सीधा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आया था। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जैक मा को निर्देश दिए गए कि वह तब तक चीन से बाहर न जाएं, जब तक कि उनके अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच को पूरा नहीं कर लिया जाता है।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जैक मा बीते दो महीनों में कई कार्यक्रमों में शामिल होने वाले थे, लेकिन आखिरी वक्त पर उनका नाम अतिथि अथवा वक्ता की सूची से हटा दिया गया। नवंबर में मशहूर शो ‘अफ्रीका के बिजनेस हीरोज’ के एपिसोड से भी रहस्यमय तरीके से उनका नाम हटा दिया गया। शो के पोस्टर से भी उनकी तस्वीर हटा दी गई। बता दें कि इस शो को प्रोड्यूस करने वाली कंपनी जैक मा की ही है और उन्हें खुद के शो से ही बाहर होना पड़ा है।
अलीबाबा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि जैक मा सिड्यूल के विवाद के कारण अब जजों के पैनल के हिस्सा नहीं हैं। हालांकि, इस शो के फाइनल से कई सप्ताह पहले ही जैक मा ने ट्वीट करके कहा था कि वह सभी प्रतिभागियों से मुलाकात की प्रतीक्षा नहीं कर सकते हैं। इसके बाद से उनके तीन ट्विटर अकाउंट से कोई पोस्ट नहीं किया गया है। इससे पहले वह लगातार ट्वीट करते रहते थे। इसके अलावा कई यूनिवर्सिटी और अन्य जगहों से भी बतौर वक्ता उनके कार्यक्रम में आने की घोषणा तो की गई थी, लेकिन आखिरी वक्त पर उनका नाम ही हटा दिया गया।
चीन में आवाज को दबाए जाने के लिए कार्रवाई की जद में आने वाले जैक मा पहले ऐसे शख्स नहीं हैं। चीन बड़ी संख्या में अपने देश में ऐसे लोगों को नजरबंद कर चुका है, जो कम्युनिस्ट पार्टी या शी जिनपिंग सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं। इससे पहले शी जिनपिंग की आलोचना करने वाले प्रॉपर्टी बिजनसमैन रेन झिकियांग लापता हो गए थे। उन्होंने कोरोना को सही से निपटने के लिए शी जिनपिंग को मसखरा बताया था। बाद में उन्हें 18 साल के लिए जेल भेज दिया गया। चीन के एक अन्य अरबपति शिआन जिआनहुआ वर्ष 2017 से नजरबंद हैं।