हर घर में मंदिर तो होता ही हैं जहां देवी-देवताओं की मूर्ति लगाई जाती हैं और उनका पूजन किया जाता हैं।लेकिन वास्तु में मूर्तियों से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं जिनकी पालना करना आपके लिए सुखदायी होता हैं। भगवान शिव को भोले भंडारी कहा जाता हैं जो कि भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन शिव का क्रोध भी बहुत तेज हैं जो जीवन को बर्बाद कर सकता हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए भगवान शिव की मूर्ती से जुड़े कुछ नियम लेकर आए हैं जिनका ध्यान रख उनके प्रकोप से बचा जा सकता हैं।
– घर में भगवान शिव की ऐसी तस्वीर लगाना बहुत ही शुभ रहता है जिसमें वे अपने पूरे परिवार मां पार्वती, बेटे गणेश और कार्तिक और नंदी जी के साथ विराजमान हो। यह तस्वीर बहुत ही शुभ रहती है। ध्यान रखें कि नंदी के बिना भगवान शिव का परिवार पूरा नहीं माना जाता है। ऐसी तस्वीर घर में लगाने से बच्चे आज्ञाकारी बनते हैं और घर में प्रेम बना रहता है।
– भगवान शिव का तांडव और सौम्य दोनों तरह का स्वरूप है। भगवान शिव की तस्वीर या प्रतिमा को घर में लगाते समय ध्यान रखें कि वे क्रोधित या तांडव मुद्रा में न हो। शिव जी की तांडव मुद्रा विनाश को दर्शाती है। इसलिए नटराज की प्रतिमा या तस्वीर घर में लगाने के मना किया जाता क्योंकि इसमें वे तांडव मुद्रा में रहते हैं। बगवान शिव की हमेशा सौम्य और प्रसन्नचित्त मुद्रा की तस्वीर ही घर में लगानी चाहिए।
– भगवान शिव की प्रतिमा हमेशा उत्तर दिशा में लगाना चाहिए क्योंकि कैलाश पर्वत भी उत्तर दिशा में है। जो भगवान शिव का निवास स्थान है। यदि हो सके तो उत्तर दिशा में भगवान शिव की तस्वीर या प्रतिमा इस तरह से लगाएं कि आते-जाते सबकी नजर उस पर पड़ती रहे।
– यदि आप अपने घर में पूजा स्थान से हटकर कहीं पर शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर लगाते हैं तो उस स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। यदि वह स्थान दूषित होता है तो आपको धन के अलावा भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
– कुछ लोग अपने घर में ऐसी प्रतिमाएं भी लेकर आते हैं जिसमें भगवान शिव खड़ी हुआ मुद्रा में रहते हैं, लेकिन शिव जी की खड़ी हुई मुद्रा की तस्वीर या प्रतिमा अपने घर या कार्य स्थल पर कभी नहीं लगानी चाहिए।