छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के पातररास निवासी एक शिक्षक संतोष जायसवाल को वन विभाग ने तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित शिक्षक ने बताया कि वह अपनी मनोकामना पूरी के लिए तेंदुए की खाल पर सोता था। उसने साल भर पहले किसी से 25 हजार रुपये में तेंदुए की खाल खरीदी थी। वन मंडल दंतेवाड़ा के एसडीओ अशोक सोनवानी ने बताया कि आरोपित शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
खाल को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में था आरोपित
वह जिले के प्राथमिक विद्यालय भोगाम में तैनात है। पूछताछ में उसने दावा किया कि तेंदुए की खाल पर सोने से मनोकामना पूरी होती है। पूछताछ में यह तो नहीं पता चला कि तेंदुए की खाल पर सोने से उसकी मनोकामना पूरी हुई या नहीं, यह जानकारी जरूर मिली कि वह खाल बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में था। किसी ने वन विभाग को इसकी सूचना दे दी और वह पकड़ा गया। उस पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग अब आरोपित शिक्षक को खाल बेचने वाले की तलाश में जुट गया है।
पहले भी पकड़े गए हैं खाल के तस्कर
इससे पहले 11 मार्च को जगदलपुर में बाघ की खाल के साथ पुलिसकर्मियों समेत आठ आरोपित पकड़े गए थे। यह मामला भी अंधविश्वास का था। आरोपित बाघ की खाल लेकर महाशिवरात्रि पर विशेष अनुष्ठान कराने आए थे। उनका विश्वास था कि ऐसा करने से धन वर्षा होगी। बस्तर में अवैध शिकार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गुरवार को कोंडागांव में भी तेंदुए की खाल के साथ दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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