अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कपिल मिश्रा को अब शांति भूषण का समर्थन मिला है. भूषण ने दिल्ली के सीएम से इस्तीफे की मांग की है. शांति भूषण आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और पार्टी के पूर्व नेता प्रशांत भूषण के पिता भी हैं.
‘सिद्धांतों पर चलें केजरीवाल’
शांति भूषण का मानना है कि कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने याद दिलाया कि आम आदमी पार्टी के सिद्धांतों के मुताबिक अगर किसी मंत्री पर आरोप लगते हैं तो उसे जांच पूरी होने तक कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.
आडवाणी की दिलाई याद
शांति भूषण ने इस सिलसिले में बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आडवाणी ने हवाला का आरोप लगने के बाद संसद से इस्तीफा दे दिया था. शांति भूषण के मुताबिक, ‘अन्ना आंदोलन के वक्त अरविंद भी यही कहते थे कि कांग्रेस के मंत्री इस्तीफा दें. आज जब उन्हीं के विश्वस्त मंत्री आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’
‘केजरीवाल ने छोड़े उसूल’
शांति भूषण ने केजरीवाल को याद दिलाया कि ‘first resignation, then investigation’ का नारा देने वाले वही थे. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के सभी आदर्शों को तिलांजलि दे दी है.
‘सफाई पेश करें केजरीवाल’
भूषण की राय में दिल्ली के मुख्यमंत्री को कपिल मिश्रा के आरोपों का साफ-साफ जवाब देना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि क्या मंत्री सत्येंद्र जैन बेनामी संपत्ति के भ्रष्टाचार में शामिल हैं? भूषण का कहना था कि अरविंद केजरीवाल ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी से इसीलिए निकाला था क्योंकि वो गलत कामों का विरोध करते थे. लेकिन मुख्यमंत्री सत्येंद्र जैन को हटाने से इसीलिए डरते हैं क्योंकि वो उनकी पोल खोल सकते हैं. शांति भूषण ने साफ किया कि वो अब स्वराज इंडिया पार्टी के सदस्य हैं और गर कपिल मिश्रा अच्छा काम करेंगे तो वो उनकी सराहना करेंगे.