पूरी दुनिया में तरह तरह के रस्मो रिवाज प्रचलित हैं, जिनमे से कुछ तो वाकई इंसानों को लुभाते हैं और कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हे देखकर शर्म से सिर झुक जाता है। आज हम आपकाे उस प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप सोचेंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है। इस प्रथा के अनुसार 5 लाेग मिलकर एक लकड़ी के कपड़े उतारते हैं। ऐसा तब किया जाता है जब लड़की के बालों में लट पड़ जाए।
गरीब परिवारों में साबुन से न नहाने या गंदगी में रहने की वजह से ऐसा हो जाता है, तो प्रथा के अनुसार उस लड़की को देवता को समर्पित करना होता है। एक आयोजन के बाद बच्ची को मंदिर में समर्पित कर दिया जाता है, जहां पांच लोग मिलकर उसके कपड़े उतारते हैं। उसके बाद जिंदगी भर उस लड़की की शादी नहीं होती। वो मंदिरों में ही रहती हैं। इन लड़कियों को सार्वजनिक संपत्ति माना जाता है।
इन लड़कियों को देवदासी कहा जाता है। लेकिन समय गुजरते गुजरते बड़ी संख्या में देवदासियां अंत में वेश्यालयों में पहुंच जाती है। कर्नाटक के मंदिरों में प्रदेश सरकार के अनुसार कुल 9,733 देवदासियां हैं। मुंबई में उन्होंने अपने कपड़े उतारकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। यह प्रथा किसी न किसी रूप या नाम से देश के कई हिस्सों में प्रचलित है।