रूस में बीते दिन खत्म हुई विक्ट्री डे परेड के बाद गुरुवार को मतदान शुरू हो गया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ समय पहले संविधान में संशोधन किया था, जिसके तहत संसद को अधिक अधिकार मिलने थे.
साथ ही राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकेगा. अब गुरुवार से अलग-अलग चरणों में मतदान शुरू हो गया है, जो अगले एक हफ्ते तक चलेगा.
रूस में संविधान संशोधन करने के बाद जनमत संग्रह करना जरूरी होता है. ऐसे में अगर जनता इस फैसले के पक्ष में वोट करती है तो व्लादिमीर पुतिन का 2036 तक रूस के राष्ट्रपति पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो सकता है.
पुतिन के द्वारा इन चुनावों का प्रस्ताव जनवरी में रखा गया था, जिसे 22 अप्रैल को करवाना था. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से सबकुछ टल गया. अब जब स्थिति कुछ हदतक सामान्य हुई है, तो इस चुनाव को करवाया जा रहा है. हालांकि, अभी भी काफी बदलाव किया गया है.
पहले ये चुनाव एक ही दिन में पूरा होना था, लेकिन अब इसे एक हफ्ते के लिए कर दिया गया है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर नियमित लोगों को ही वोट डालने की लाइन में खड़ा होना पड़े.
आपको बता दें कि पिछले करीब बीस साल से व्लादिमीर पुतिन रूस की सत्ता पर विराजमान हैं. जब वो राष्ट्रपति होते हैं, तो राष्ट्रपति के पास सभी अधिकार होते हैं और जब प्रधानमंत्री बनते हैं तो प्रधानमंत्री के पास ही अधिकार होते हैं. व्लादिमीर पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है, लेकिन इस संशोधन के बाद वो दस और साल तक राष्ट्रपति रह सकते हैं.