चीन के साथ जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच के साथ ऑनलाइन वार्ता की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की। वर्चुअल सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वियतनाम, भारत की एक्ट ईजी पॉलिसी का महत्वपूर्ण स्तंभ है और हमारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की योजनाओं का सशक्त भागीदार है।
मोदी ने कहा, अगले साल हम दोनों ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य होंगे। इसलिए वैश्विक परिदृश्य में हमारे सहयोग की अहमियत और बढ़ेगी। हम द्विपक्षीय जुड़ाव की कार्य योजना के रूप में एक संयुक्त विजन डॉक्यूमेंट 2021-23 लागू करेंगे। उन्होंने कहा, हमने सात नए समझौतों पर दस्तखत किए हैं। इसमें वैज्ञानिक शोध, न्यूक्लियर और नवीनीकृत ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, डिफेंस और कैंसर का इलाज जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए नए कदम उठाएंगे। उधर, वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच ने भारत और वियतनाम के संबंधों को लेकर पीएम मोदी की टिप्पणियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मैं इस वर्चुअल सम्मेलन के आयोजन पर काफी खुश हूं, जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करता है।
उल्लेखनीय है कि भारत और वियतनाम 2016 में अपने द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाकर समग्र रणनीतिक साझेदारी तक ले गए थे और रक्षा सहयोग इस तेजी से बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों के अहम स्तंभों में एक रहा है।
इससे पहले साल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम का दौरा किया था। इस दौरान भारत और वियतनाम (India-Vietnam) के बीच रिश्ते मजबूत हुए थे। इस दौरे में भारत और वियतनाम के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर संधि हुई थी। यह संधि अब तक वियतनाम ने सिर्फ रूस (Russia) और चीन (China) के साथ की है।
साल 2018 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वियतनाम का दौरा किया था। इसके बाद 2019 में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी वियतनाम गए थे। 2018 में वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दाई और प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच भी भारत आए थे।