अठारहवीं विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाने का कार्यक्रम मंगलवार को भी जारी रहा। आज बचे हुए 54 विधायकों को सदन की सदस्यता की शपथ प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने दिलाई। बता दें कि जेल में होने की वजह से आज रामपुर से विधायक चुने गए आजम खां शपथ लेने नहीं आ सके। इसलिए शपथ लेने वाले कुल विधायकों की संख्या 402 रही।
विधान सभा मंडप में सोमवार को शुरु हुए शपथग्रहण कार्यक्रम में प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने नेता सदन के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता विरोधी दल के तौर पर अखिलेश यादव और विधायक निर्वाचित हुए मंत्रिपरिषद के सदस्यों को शपथ दिलाई थी।
सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल की ओर से नामित किये गए वरिष्ठ सदस्यों सुरेश खन्ना, रामपाल वर्मा और जय प्रताप सिंह ने सदन के अन्य सदस्यों को शपथ दिलाई। पहले दिन कुल 348 सदस्यों को शपथ दिलाई गई थी। बाकी सदस्यों को मंगलवार को यानी आज शपथ दिलाई गई। शपथग्रहण समारोह के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से लगाये गए जय श्री राम, भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारों से सदन गूंजता रहा तो सपा सदस्यों ने ‘जय भीम, जय समाजवाद’ और ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे बुलंद किए।
गर्मजोशी से मिले योगी-अखिलेश : विधान सभा चुनाव में एक-दूसरे पर तीखे शब्दबाण चलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सबकी निगाहें लगी थीं। अखिलेश तकरीबन 10.45 बजे सदन में पहुंचे तो सपा सदस्यों के बीच उनसे मिलने और उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ मच गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता सूर्य प्रताप शाही, सतीश महाना और दयाशंकर ने विपक्ष की बेंच की ओर आकर अखिलेश से कुशलक्षेम पूछी। लगभग 10 मिनट बाद मुख्यमंत्री ने भी सदन में प्रवेश किया तो उन्हें भाजपा सदस्यों ने घेर लिया। भाजपा सदस्यों का अभिवादन स्वीकार करने के बाद योगी अखिलेश के पास पहुंच गए। उनके साथ सुरेश कुमार खन्ना व भाजपा के अन्य सदस्य भी थे। सदन में नेता सदन और नेता विरोधी दल की हैसियत से जब योगी और अखिलेश का आमना-सामना हुआ तो दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया था।
सबसे पहले योगी, फिर अखिलेश को शपथ : सोमवार सुबह 11 बजे प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने अध्यक्ष के आसन से सभी सदस्यों का स्वागत किया था। उन्होंने अपेक्षा की कि सभी सदस्य आने वाले दिनों में गंभीरता से विधान सभा की चर्चा में भाग लेंगे और सदन के सुचारु संचालन में सहयोग करेंगे। प्रोटेम स्पीकर के आह्वान पर सभी सदस्यों ने अवसर की गंभीरता का अनुभव करने के लिए खड़े होकर दो मिनट का मौन धारण किया। प्रोटेम स्पीकर ने सबसे पहले नेता सदन के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई। योगी जब शपथ लेने के लिए अध्यक्ष के आसन की ओर जा रहे थे तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भारत माता की जय, जय श्री राम के नारे लगाए। उनके शपथग्रहण करने के बाद भी सदन इन नारों से गूंजता रहा। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से अखिलेश यादव का नाम शपथ लेने के लिए पुकारा गया तो सपा सदस्य देर तक जोर से मेज थपथपाते रहे। इस दौरान सपा सदस्यों ने जय समाजवाद के नारे भी लगाए। इसके बाद सतीश महाना ने सदन की सदस्यता की शपथ ली थी।
मंत्रियों ने भी ली शपथ : इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने सदन के सदस्य निर्वाचित हुए मंत्रियों को शपथग्रहण कराई। शपथ लेने वालों में ब्रजेश पाठक, सूर्य प्रताप शाही, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, अनिल राजभर, योगेंद्र उपाध्याय, नितिन अग्रवाल, कपिल देव अग्रवाल, संदीप सिंह, गिरीश चंद्र यादव, गुलाब देवी, असीम अरुण, दयाशंकर सिंह, डा.अरुण सक्सेना, मयंकेश्वर शरण सिंह और बलदेव औलख शामिल थे। उस समय सदन में अनुपस्थित धर्मपाल सिंह व राकेश सचान ने बाद में शपथ ली। मंत्रियों के शपथग्रहण के दौरान सुरेश कुमार खन्ना अखिलेश यादव के बगल में बैठकर उनसे गुफ्तगू करते दिखे। इसके बाद सदस्यों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी बारी-बारी से सुरेश कुमार खन्ना, रामपाल वर्मा और जय प्रताप सिंह ने निभाई। योगी तकरीबन दो घंटे सदन में रहे और दोपहर 12.55 बजे चले गए। इसके लगभग 10 मिनट बाद अखिलेश भी सदन से चले गए। सोमवार को शपथग्रहण कार्यक्रम दोपहर तीन बजे तक चला।
आस्था अनुसार लगे सदन में जयकारे : शपथ लेने के बाद भाजपा के कई सदस्यों नेे जय श्री राम, भारत माता की जय, हर-हर महादेव के नारे लगाए तो ब्रज क्षेत्र के भाजपा विधायकों ने राधे-राधे और गिरिराज जी के जयकारे लगाए। भाजपा की कृष्णा पासवान ने शपथ लेकर बुलडोजर बाबा की जय का नारा लगाया। वहीं सपा के बृजेश कठेरिया, सचिन यादव ने जय अखिलेश का उद्घोष किया। सपा के देवेंद्र प्रताप सिंह ने शपथ लेकर जय मुलायम सिंह यादव कहा।
सदन में कई भगवा वस्त्रधारी : सदन में सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही अकेले भगवा वस्त्रधारी नहीं थे। शपथ लेने वालों में बिजनौर की चांदपुर सीट से निर्वाचित सपा के स्वामी ओमवेश, पीलीभीत की बरखेड़ा सीट से जीतकर आये भाजपा के जयद्रथ उर्फ स्वामी प्रवक्तानंद और कपिलवस्तु के भाजपा विधायक श्यामधनी राही भी गेरुआ पगड़ी बांधे और इसी रंग का धोती-कुर्ता पहने हुए थे।
हमारे लिए भी मेज थपथपा दें महाराज जी : अमूमन हर सदस्य के शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री मेज थपथपाते थे। मेरठ से सपा के विधायक चुने गए रफीक अंसारी ने शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री से कहा कि महाराज जी, आप सबके लिए मेज थपथपा रहे हो तो मेरे लिए भी थपथपा दो। योगी ने मुस्कुराते हुए मेज थपथपाई।
कई विधायकों ने संस्कृति, बुंदेली और उर्दू में भी ली शपथ : अलीगढ़ की विधायक मुक्ता संजीव राजा ने संस्कृत में शपथ ली तो इस क्रम को बहराइच की विधायक अनुपमा जायसवाल ने आगे बढ़ाया। मुरादाबाद के विधायक जियाउर्रहमान की बारी आई तो ये मुहाना गंगा-जमुनी तहजीब का आ गया। उन्होंने उर्दू में शपथ ली। यहां ईश्वर की जगह शपथ में अल्लाह थे। मुरादाबाद के ही मो. फहीम इरफान ने शपथ ईश्वर की और हिंदी में ली, लेकिन तहजीब देखिए कि आखिर में ‘इंशाअल्लाह’ कहकर गंगा-जमुना की धारा को मिला दिया।
यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। मसलन, मेरठ के गुलाम मोहम्मद, आजमगढ़ के आलमबदी और बलिया के जियाउदीन रिजवी की जुबां उर्दू रही तो बुलंदशहर के संजय कुमार शर्मा, अनिल कुमार, खीरी के विनोद शंकर अवस्थी, लोकेंद्र प्रताप सिंह, सीतापुर के शशांक त्रिवेदी, ज्ञान तिवारी, लखनऊ के डा. नीरज बोरा, बहराइच के सुभाष त्रिपाठी, संतकबीरनगर के गणेश चंद्र, गोरखपुर के राजेश त्रिपाठी और वाराणसी के डा. नीलकंठ तिवारी संस्कृत भाषा में शपथ लेकर संस्कृति का मान बढ़ाते दिखे। बुंदेली भाषा में शपथ लेकर झांसी के विधायक जवाहरलाल राजपूत ने अपने अंचल की छाप छोड़ी तो राधे-राधे की जयकार संग शपथ लेकर मथुरा के विधायक राजेश चौधरी ब्रज की सुगंध बिखेरते दिखे।