भाजपा के राज्य प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। इससे हर जगह पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती हो सकेगी। स्थानीय भाजपा इकाई ने राज्य चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती उन इलाकों में की जाए, जहां पर मतदान के दौरान दंगा-फसाद या दूसरी तरह की हिंसा होने का खतरा है।
आरोप है कि वहां पर मौजूदा सरकार टीएमसी की है, इसके चलते वहां बड़े अधिकारी पक्षपात से काम करते हैं। वे जानबूझ कर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ऐसे इलाकों में तैनात करा देंगे, जहां पर मतदान के दौरान हिंसा या गड़बड़ी जैसी शिकायतें नहीं मिलती हैं।
विजयवर्गीय का कहना था कि बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी और अन्य गैर-कानूनी धंधों में लिप्त लोगों को पकड़ा जाए। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करा सकते हैं। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हर जिले में अतिरिक्त केंद्रीय बल के जवानों की तैनात की मांग की गई है। साथ ही, वहां अतिरिक्त अधिकारियों की नियुक्ति की जाए, ताकि मतदान प्रक्रिया पर निगरानी रखी जा सके।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, राज्य में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए 1500 कंपनियां यानी कम से कम डेढ़ लाख जवान तैनात किए जाएंगे। राज्य में मौजूदा तनाव को देखते हुए इस बार जवानों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ की 800 से अधिक कंपनियां पश्चिम बंगाल में पहुंचेंगी। इसके अलावा बीएसएफ की कंपनियां भी मतदान के दौरान तैनात रहेंगी। उक्त पंद्रह सौ कंपनियों में पश्चिम बंगाल की राज्य सशस्त्र पुलिस ‘एसएपी’ भी शामिल है।
चुनाव से पहले ही वहां पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तनातनी शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को जानबूझकर संवेदनशील इलाकों से दूर तैनात किया जा रहा है। इस बाबत राज्य चुनाव आयोग को अवगत कराया गया है।
पश्चिम बंगाल में इस बार आठ चरणों में मतदान होगा। गत विधानसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न हुआ था। पहले चरण का मतदान 27 मार्च, दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल, तीसरे चरण का 6 अप्रैल, चौथे चरण का 10 अप्रैल, पांचवें चरण का 17 अप्रैल, छठे चरण का 22 अप्रैल, सातवां चरण 26 अप्रैल और आठवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। अभी तक राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 126 कंपनियां पहुंच चुकी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि इस बार पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल को लेकर जो इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिल रही हैं, वे चिंताजनक हैं। राज्य के कई इलाकों में चुनाव के दौरान हिंसक झड़पें हो सकती हैं। कुछ जगहों पर बूथ कैप्चरिंग की आशंका है। इन सबके मद्देनजर वहां भारी संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बल और एसएपी के जवान तैनात किए जा रहे हैं।