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नई दिल्ली: 9000 करोड़ के कर्ज में डूबे उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़कर जाने का मामला संसद में गूंजने के बाद शुक्रवार सुबह ट्वीट कर उन्होंने सफाई दी और कहा कि मैं कोई भगोड़ा नहीं हूं। मैं देश छोड़कर नहीं गया। मैं सांसद हूं, मेरा देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है लेकिन मीडिया ट्रायल गलत है।
गौर हो कि संसद में भी गुरुवार को इस मुद्दे पर घमासान मचा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि विजय माल्या द्वारा बैंकों से लिये गए कर्ज की राशि ब्याज सहित 13 नवंबर 2015 तक 9091.40 करोड़ रुपये हो गई थी। यह राशि उनसे वसूलने के लिए हर कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें बुनियदी विषय और खातों का सवाल है। विजय माल्या को कसोर्शियम बैंक ने पहली मंजूरी सितंबर 2004 में की थी। इस सुविधा का फरवरी 2008 में नवीकरण किया गया।। 13 अप्रैल 2009 को खातों को गैर निष्पादित आस्तियां घोषित किया गया।
जेटली ने कहा कि इसके बाद उन्हें दिये गये कर्ज का पुनर्गठन दिसंबर 2010 में किया गया। उन्हें प्रदान की गई कुल राशि 13 नवंबर 2015 तक सभी ब्याज सहित 9091.40 करोड़ रूपये हो गई थी। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए जब्ती आदेश समेत सभी संभव कदम उठाये जा रहे है। जिन बैंकों से कर्ज लिया गया वे अदालत में गये हैं। मामला अदालत में है जेटली ने कहा कि बैंक राशि वसूलेंगे। केस फाइल किया गया है। बैंक सभी संभव कदम उठा रहे हैं। जो जानबूझकर बकाया भुगतान नहीं कर रहे हैं उनसे राशि वसूलने के हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं।
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