कानपुर के अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच के लिए बनी कमेटी से पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को हटाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.
बता दें कि अनूप अवस्थी नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके केएल गुप्ता को जांच कमेटी से हटाने की मांग की थी.
इसके बजाय इस शख्स ने यूपी के किसी अन्य पूर्व डीजीपी को कमेटी में शामिल करने की अपील की थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया केएल गुप्ता जांच को प्रभावित कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
इस याचिका में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता के अलावा हाइकोर्ट के जज शशिकांत अग्रवाल को भी बदलने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने अपने मीडिया इंटरव्यू में पहले ही पुलिस को क्लीन चिट दे दिया है. ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है.
याचिकाकर्ता अनूप अवस्थी ने कहा कि के एल गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि पुलिस के बयान को हमें फेस वैल्यू पर लेना चाहिए. उन्होंने कहा है कि एनकाउंटर किए नहीं जाते हैं, हो जाते हैं. ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा कि जांच कमेटी में एक सुप्रीम कोर्ट के जज हैं और एक HC के जज भी हैं. एक अधिकारी के कारण जांच आयोग को बदला नहीं जा सकता है.
बता दें कि केएल गुप्ता 2 अप्रैल 1998 से लेकर 23 दिसंबर 1999 तक उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे हैं. वे कई जिलों में एसपी भी रह चुके हैं.