लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने के साथ ही चुनाव आयोग ने उत्तराखंड को पहले चरण में अर्द्धसैनिक बलों की 30 कंपनियां आवंटित की हैं। ये 15 मार्च तक संबंधित जिलों में अपनी आमद कराएंगी। चुनाव की दृष्टि से यूपी से लगे ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार को सबसे संवेदनशील माना गया हैं। उधर, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि पुलिस निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने को पूरी तरह तैयार है।
पुलिस महकमा एक माह से चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। हर जिले में नोडल अधिकारी बनाकर अर्द्धसैनिक बलों को ठहराने के इंतजाम कर लिए गए हैं। पुलिस मुख्यालय की तरफ से चुनाव आयोग से प्रदेश में चुनाव कराने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों की मांग की गई थी। चुनाव आयोग ने पहले चरण में अर्द्धसैनिक बलों की 30 कंपनी आवंटित कर दी हैं। पुलिस महानिदेशक रतूड़ी ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों की यह कंपनियां 15 मार्च तक संबंधित जिलों में पहुंच जाएगी। बाकी फोर्स 11 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले उपलब्ध हो जाएगी।
डीजीपी ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर यूपी और हिमाचल के पुलिस महानिदेशक से बात हो गई है। दूसरे राज्य से जुड़ी सीमाओं पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती करने के साथ हर सीमा पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2014 के मुकाबले इस बार के चुनाव में कई चुनौतियां बढ़ीं हैं। पुलिस कप्तानों को बता दिया गया कि आदर्श आचार संहिता का सख्ती से अनुपालन किया जाए। चुनाव से जुड़ी हर कार्रवाई पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि संवेदनशीलता के लिहाज से हर जिले में अलग से कार्ययोजना बनाई गई है।
पड़ोसी राज्यों से होमगार्ड्स को लेकर बातचीत
पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि चुनाव में राज्य के 15 हजार पुलिस कर्मियों के अलावा 20 हजार होमगार्ड व पीआरडी के जवान भी ड्यूटी पर लगाए जाएंगे। इसके अलावा पीएसी की 25 कंपनी भी चुनाव में लगेंगी। इस बारे में उत्तर प्रदेश, हिमाचल और हरियाणा से बातचीत अंतिम दौर में है। जल्द ही इस पर फैसला हो जाएगा।