कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना सहित छोटी बचत योजनाओं के नियमों में बदलाव किए हैं। यह 2019-20 के लिए राशि जमा किए जाने में असमर्थता को लेकर है। हालांकि, पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि अकाउंट के सब्सक्राइबर्स 2020-21 में पहले की तरह जमा करते रहेंगे। सरकार ने 31 मार्च 2020 को परिपक्व हुए पीपीएफ अकाउंट्स में एक्सटेंशन नियमों को भी आसान कर दिया है। आइए 10 पॉइंट में समझें…
1. इन खातों को एक्टिव रखने के लिए सब्सक्राइबर्स के लिए साल में एक निश्चित राशि जमा करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लगता है। सरकार ने इस बार इसमें राहत दी है। गाइडलाइंस के मुताबिक, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि और पोस्ट ऑफिस रकरिंग डिपॉजिट (आरडी) में यदि आप 31 मार्च 2020 तक अनिवार्य राशि जमा नहीं कर पाए हैं तो आप 30 जून तक राशि जमा कर सकते हैं। इसके लिए जुर्माना नहीं देना होगा।
2. इसके लिए सब्सक्राइबर्स को अकाउंट ऑफिस में सहमित पत्र देना होगा कि पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना के लिए लागू अधिकतम सीमा को वे पार नहीं करेंगे। उदाहरण के लिए, पीपीएफ अकाउंट में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं।
3. यदि अधिकतम राशि की सीमा को पार किया जाता है तो सीमा से अधिक राशि को अनियमित माना जाएगा और बिना ब्याज वापस किया जाएगा।
4. सब्सक्राइबर्स को 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए खाते में अलग-अलग राशि जमा करानी होगी।
5. वित्त वर्ष 2019-20 के अलावा दूसरे वित्त वर्षों के लिए डिफॉल्ट पर जुर्माना देना होगा।
6. हालांकि आपको ब्याज उस तारीख से मिलेगा जिस तारीख में आप पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि अकाउंट में रकम जमा करेंगे।
7. पीपीएफ अकाउंट से निकासी/ लोन के लिए 31 मार्च 2020 को खाते में मौजूद बैलेंस को अंतिम माना जाएगा।
8. उन सभी पीपीएफ सब्सक्राइबर्स के लिए जिनका खाता 31 मार्च 2020 को परिपक्व हो गया (एक साल के एक्सटेंशन विंडो सहित), 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
9. अकाउंट एक्सटेंशन के लिए पीपीएफ सब्सक्राइबर्स को फॉर्म भरकर और इसपर साइन करके रजिस्टर्ड ईमेल आईडी से भेजना होगा।
10. लॉकडाउन खत्म होने के बाद ऑरिजनल कॉपी जमा कराना अनिवार्य है।