लॉकडाउन में रात 10 बजे लखनऊ की सड़कों पर अपने दोस्तों के साथ तफरीह कर रहे दारोगा जी को एक महिला सिपाही ने डांट पिलाई और कहा कि लॉकडाउन में इतनी रात को सड़क पर भीड़ लगाना ठीक नहीं है.

दारोगा सिविल ड्रेस में थे, महिला सिपाही ने जब लॉकडाउन के नियमों का हवाला दिया और कहा कि इतने लोगों का एक साथ खड़ा होना ठीक नहीं है तो उनके सामने सिवाय सॉरी के कोई शब्द नहीं बचा.
उन्होंने अपना परिचय दिए बिना सॉरी कहा और दोस्तों के साथ निकल लिए. महिला सिपाही ने कहा कि लॉकडाउन में देर रात को इस तरह से सड़क पर भीड़ लगाना नियमों का उल्लंघन है.
इस पूरी घटना का आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा ने फेसबुक वॉल और ट्विटर पर मजेदार वर्णन लिखा है. यूपी के आईजी नवनीत सिकेरा ने लिखा है कि एक इंस्पेक्टर साहब अपने कुछ दोस्तों के साथ लॉकडाउन में रात दस बजे गप्पे लड़ा रहे थे. इतने में एक महिला कांस्टेबल प्रीति सरोज स्कूटी से वहां पहुंची और सबकी बढ़िया क्लास लगा दी.
ये सभी 5-6 लोग मैडम की क्लास सुनते रहे और सिवाय सॉरी के अलावा इनके पास कोई शब्द नहीं था. सभी मित्र दारोगा जी की ओर देखे और दारोगा जी एक्स्ट्रा डांट खाएं. खैर सबने मैडम को सॉरी कहा और मैडम ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और चली गई.
नवनीत सिकेरा ने ट्विटर पर महिला कांस्टेबल प्रीति सरोज की तारीफ की है. उन्होंने लिखा है, “मेरे पूर्व पीआरओ को कॉन्स्टेबल प्रीति सरोज ने लॉकडाउन पर पूरी क्लास दी, जब वे लखनऊ में देर रात अपने दोस्तों के गप्पें लड़ा रहे थे. धन्यवाद प्रीति रात में अकेली इन लोगों का सामना करने के लिए, (इंस्पेक्टर जी ने सॉरी कहा, और अपनी पहचान भी नहीं बताई). “
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