भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रमुख एस एस देसवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनका बल और वर्तमान में लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध का सामना कर रही सेना, देश की अखंडता एवं संप्रभुता को बचाने के लिए ‘समर्पित’ है।
हरियाणा कैडर के 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, देसवाल ने कहा कि बल सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सेना और आईटीबीपी देश की अखंडता एवं संप्रभुता के साथ ही सीमाओं की रक्षा के लिए राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं।’
छतरपुर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास केंद्र में 1,000 से अधिक बेड वाले नवनिर्मित कोविड-19 देखभाल केंद्र का जायजा लेने के बाद उन्होंने ये बातें कहीं।
पूर्वी लद्दाख में 15 जून की रात गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक संघर्ष में एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। आईटीबीपी ने लद्दाख क्षेत्र के साथ ही करीब 3,488 किलोमीटर लंबी और कराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश में जाचेप ला तक फैली भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अन्य सेक्टरों में बल के कर्मियों की संख्या को बढ़ाया है।
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