गुजरात के राजकोट में अंधविश्वास के चलते दादी ने अपने चार दिन के पौत्र को लोहे के गर्म सरिये से दाग दिया। बालक को राजकोट के केडी चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना सूचना पाते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें पता चला है कि बच्चे ने जन्म के बाद से लघुशंका नहीं की, उसका मल द्वार नहीं है। उसकी दादी की मान्यता है कि बच्चे को गर्म सरिये से दागा जाए तो वह लघुशंका करेगा।
जानकारी के मुताबिक पडघरी तहसील खाखड़ाबेला गांव में रहने वाले आदिवासी इंद्रसिंह सिंगलसिंह की पत्नी लक्ष्मीबेन ने चार दिन पहले घर में बालक को जन्म दिया था। बालक ने जन्म के बाद से लाघुशंका नहीं की थी। उसकी दादी गजरबेन का मानना था कि लोहे के सरिये से डाम देने पर बच्चा लघुशंका करने लगेगा।
बुधवार को इंद्रसिंह और उसकी पत्नी लक्ष्मीबेन खेत में मजदूरी करने गए थे। उसी समय दादी गजरबेन ने लोहे का सरिया गर्म किया और बच्चे को दागने लगी।
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अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक बच्चे के पेट पर बुरी तरह से दागा किया है। बच्चे का मल द्वार नहीं है। ऑपरेशन कर मल द्वार खोलने की तैयारी की गई है। पुलिस ने आरोपित गजरबेन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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