राजधानी में मेट्रो का जाल और घना करने की तैयारी है। नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के बाद ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और फिर शहर में अलग-अलग छह कॉरिडोर के रूट पहले ही तय कर दिए गए थे। अब स्टेशन कहां बनेंगे, वह स्थान भी तय हो गए हैं। अगर प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिली तो शहर में मेट्रो का विस्तार 75 किमी से अधिक का होगा। इससे राजधानी की 40 लाख आबादी सीधे लाभान्वित होगी। यही नहीं, दिल्ली मेट्रो के बाद लखनऊ सबसे बड़ा नेटवर्क वाला मेट्रो बन जाएगा।
मुंशी पुलिया-जानकीपुरम के बीच
जानकीपुरम, टेढ़ी पुलिया क्रॉसिंग, विकास नगर, खुर्रम नगर क्रॉसिंग, इंदिरा नगर सेक्टर 20 और मुंशी पुलिया जो पहले से बना है। सभी स्टेशन एलीवेटेड।
आइआइएम से राजाजीपुरम स्टेशन थ्री के बीच
आइआइएम लखनऊ, आइआइएम आरडी क्रॉसिंग, मोहिबुल्लापुर, जानकीपुरम, अलीगंज, चंद्रलोक, रीजनल साइंस सेंटर, कपूरथला, निराला नगर, विश्वविद्यालय (बना है), आर्ट कॉलेज, बुद्धा पार्क, मेडिकल चौराहा, शाह गंज, अशरफाबाद, मेंहदीगंज, एवरेडी चौराहा, राजाजीपुरम स्टेशन एक, राजाजीपुरम स्टेशन दो और राजाजीपुरम स्टेशन तीन। इसमें कपूरथला, निराला नगर, विश्वविद्यालय व आर्ट कॉलेज भूमिगत होंगे और बाकी एलीवेटेड।
चारबाग से एसजीपीजीआइ तक
चारबाग (पहले से बना), ईको पार्क, बंगला बाजार चौराहा, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी, शारदा नगर, तेलीबाग क्रॉसिंग, साउथ सिटी, एल्डिको उद्यान, वृंदावन योजना स्टेशन तीन व एसजीपीजीआइ। ईको पार्क भूमिगत, बाकी एलीवेटेड।
इंदिरा नगर-एबीवी इकाना स्टेडियम
इंदिरा नगर, विभूति खंड, मिठाई वाला चौराहा, पत्रकारपुरम चौराहा, हुसडिय़ा क्रॉसिंग, विराम खंड, गोमती नगर। ये सभी भूमिगत। विस्तार सेक्टर चार, सेक्टर छह और एबीवी इकाना स्टेडियम एलीवेटेड।
एबीवी-इकाना स्टेडियम से सीसीएस एयरपोर्ट
एबीवी इकाना स्टेडियम, सीजी सिटी नार्थ, सुशांत गोल्फ सिटी स्टेशन एक, स्टेशन दो, अलखनंदा, अवर विहार सिटी सेंटर, बरौली खलीलाबाद, वृंदावन सिटी सेंटर, कल्ली (पश्चिम), इंदिरापुरी कालोनी, सुरक्षा इन्क्लेव, राम बलि रैली स्थल। ये सभी एलीवेटेड और मानसरोवर, सीसीएम एयरपोर्ट भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे।
सचिवालय से सीजी सिटी साउथ
सचिवालय, लॉरेटो कॉन्वेंट, लखनऊ कैंट, अर्जुन गंज, सुशांत गोल्फ सिटी स्टेशन एक, सिटी सिटी साउथ स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसमें शुरू के दो भूमिगत व चार एलीवेटेड स्टेशन प्रस्तावित हैं।
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के बाद अन्य छह कॉरिडोर के स्टेशन एरिया फिक्स कर दिए गए हैं। चरणबद्ध तरीके से इन स्टेशनों को बनना प्रस्तावित है।