आमतौर पर ज्यादातर स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेना प्रिफर करते हैं, लेकिन अब डिजिटल मोड पर बढ़ती डिपेंडेंसी के चलते एजुकेशन सेक्टर में भी काफी चेंजेस आए हैं। ऐसा ही एक चेंज है, डिस्टेंस एजुकेशन की बढ़ती पॉपुलैरिटी। आज बहुत से एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स स्टूडेंट्स को कॉरेस्पॉन्डेंस कोर्सेज का ऑप्शन भी देते हैं, जिनके जरिए घर बैठकर या काम करने के साथ-साथ भी पढ़ाई की जा सकती है। अगर आप भी रेग्युलर कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पा रहे, तो डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम के जरिए अपनी एजुकेशन कंटीन्यू कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसका स्कोप भी तेजी से बढ़ा है। जानते हैं डिस्टेंस एजुकेशन से रिलेटेड सभी जरूरी आस्पेक्ट्स…
क्यों चुनें डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम?
कॉरेस्पॉन्डेंस कोर्सेज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें स्टूडेंट्स इंटरनेट की हेल्प से कहीं भी और कभी भी पढ़ाई कर सकते हैं। इस मोड ऑफ एजुकेशन में स्टूडेंट्स के पास टाइम की फ्लेक्सिबिलिटी होती है। वे कभी भी ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर सकते हैं। इन कोर्सेज की फीस भी कम होती है क्योंकि इसमें इंस्टीट्यूशन्स को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च नहीं करना पड़ता। इसके अलावा स्टूडेंट्स अपने हिसाब से पढ़ाई कर सकते हैं यानी वे कोर्स पूरा करने के लिए टीचर्स पर डिपेंड नहीं रहते।
कितने प्रकार के होते हैं इंस्टीट्यूट्स?
हमारे देश में डिस्टेंस एजुकेशन को तीन कैटेगरीज में डिवाइड किया गया है:
1. ओपन यूनिवर्सिटीज (सेंट्रल एंड स्टेट गवर्नमेंट): यह यूनिवर्सिटीज सरकार द्वारा सिर्फ डिस्टेंस एजुकेशन प्रोवाइड करने के लिए ही इस्टैब्लिश की गई हैं। मौजूदा समय में हमारे देश में एक नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी और 13 स्टेट ओपन यूनिवर्सिटीज हैं। जैसे- इग्नू, डॉ। बीआर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, यशवंतराव महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी आदि।
2. ड्युअल मोड यूनिवर्सिटीज: जो यूनिवर्सिटीज रेग्युलर कोर्सेज कराने के साथ-साथ डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम्स भी ऑफर करती हैं, उन्हें ड्युअल मोड यूनिवर्सिटी कहते हैं। जैसे- डीयू, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी आदि
3. स्टैंड अलोन यूनिवर्सिटीज: ये स्पेशलाइज्ड डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज ऑफर करते हैं। इनका डीईसी से अप्रूव्ड होना जरूरी है। ये इंस्टीट्यूट्स डिग्री नहीं दे सकते। ऐसा करने के लिए इन्हें किसी यूनिवर्सिटी से टाइअप करना जरूरी है।
टॉप 10 इंस्टीट्यूट्स
1. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी
2. अन्नामलाई यूनिवर्सिटी
3. सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी
4. सिंबायोसिस सेंटर ऑफ डिस्टेंस लर्निंग
5. पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी
6. दिल्ली यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लर्निंग
7. आईएमटी डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग इंस्टीट्यूट
8. विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी
9. यशवंतराव महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी
10. डॉ. बीआर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी
किन बातों का रखें ध्यान?
अगर आप किसी भी इंस्टीट्यूट के डिस्टेंस प्रोग्राम में एडमिशन लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो अप्लाई करने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि आपका कोर्स यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (डीईबी) से एप्रूव्ड हो। डीईबी से एप्रूव्ड इंस्टीट्यूशन्स की लिस्ट आप इसकी वेबसाइट पर देख सकते हैं। अनप्रव्ड कोर्सेज या कॉलेजेस में अप्लाई न करें।
क्या है एडमिशन का प्रॉसेस?
डिस्टेंस एजुकेशन प्रोवाइड करने वाले ज्यादातर इंस्टीट्यूशन्स में एडमिशन की कोई डेडलाइन नहीं होती। लिहाजा आप अपनी नेसेसिटी के अनुसार एकेडमिक ईयर के किसी भी मंथ में एडमिशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। आप जिस इंस्टीट्यूट या ओपन यूनिवर्सिटी में अप्लाई करना चाहते हैं, उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपने डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें। इसके बाद आपको ऑनलाइन इंटरव्यू देना होगा। पॉजिटिव रिप्लाई आने पर आपका एनरोलमेंट हो जाएगा।
कैसे होती हैं क्लासेस?
डिस्टेंस एजुकेशन में वैसे तो स्टूडेंट्स को स्टडी मैटीरियल पोस्ट के माध्यम से भेजा जाता था और वे पढ़ाई करने के बाद टाइम टू टाइम होने वाले एग्जाम देते थे, लेकिन अब डिजिटाइजेशन के चलते ऑनलाइन क्लासेज भी कंडक्ट कराई जाती हैं। अब जब चाहें इन क्लासेज को इंटरनेट की हेल्प से अटेंड कर सकते हैं और स्टडी मैटीरियल की हेल्प से पढ़ाई कर सकते हैं।