रुझान बदलाव के संकेत : नीतीश कुमार को 31 साल के युवा तेजस्वी यादव सीधी टक्कर दे रहे

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए राज्य की जनता अपने जनादेश को वोटिंग मशीनों में दर्ज कर चुकी है. अब समय है जनादेश की क्यारियों से नतीजों के फूल खिलने की. किसके हिस्से में खुशबू है और किसको मिलेंगे कांटे… ये रुझान अब आने शुरू हो गए हैं.

कोरोना काल में यह देश का पहला चुनाव है. हिंदी पट्टी के लिए आम चुनावों और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद बिहार तीसरा सबसे अहम चुनाव माना जाता है. इसीलिए हिम्मत और दुस्साहस के बीच बड़ी संख्या में लोग निकले, रैलियां हुईं और वोट पड़े. अब समय मतगणना का है. यह देखने का है कि बिहार के दिल में का बा.
 
बिहार में महागठबंधन बनाम एनडीए की कांटेदार जंग देखने को मिली. आज का जनादेश बिहार में पिछले 15 साल की नीतीश कुमार सरकार पर लोगों का फैसला तो होगा ही, बिहार की राजनीति के लिए भी एक खास संदेश लेकर आएगा क्योंकि बिहार में राजनीति के एक ढलती पीढ़ी को नई पीढ़ी ने सीधी चुनौती दी है और जनता को नए-पुराने के बीच अपना आगे का भविष्य चुनना है.
 
नीतीश कुमार को 31 साल के युवा तेजस्वी यादव सीधी टक्कर दे रहे हैं. तमाम एक्जिट पोल के रुझान बदलाव के संकेत दे रहे हैं. राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों पर इस बार तीन चरणों में हुए मतदान की मंगलवार को हो रही गिनती इस बदलाव के संकेतों का अंतिम सच सामने लाने वाली है.

हिन्दी पट्टी के राज्यों में अहम प्रदेश माने जाने वाले बिहार में इस बार तीन चरणों में मतदान हुआ. कुल 243 सीटों पर 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोट डाले गए. पहले चरण में कुल 71 सीटों पर 53.54 फीसदी, दूसरे चरण में 94 सीटों पर 54.05 फीसदी और तीसरे चरण में 78 सीटों पर 59.94 फीसदी मतदान हुआ. 
 
कोरोना के चलते ऐसा लग रहा था कि शायद मतदान में लोग कम हिस्सा लें और प्रचार का रंग फीका रहने से शायद चुनाव की तपिश महसूस न हो. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से लेकर तेजस्वी की तूफानी सभाओं तक बिहार लिट्टी की आंच की तरह एक चुनावी गर्मी के दिखा.

लोगों ने सक्रियता से मतदान में हिस्सा लिया और कोरोना एक बड़ी वैश्विक चुनौती होकर भी मतदान में बाधा नहीं बन सका. मतदान के लिए कोरोना को ध्यान में रखते हुए खास इंतज़ाम भी किए गए जिसके कारण लोग मतदान के लिए थोड़ा सहज ही रहे.

बिहार में इस बार एनडीए ने नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ा. एनडीए में बीजेपी और जदयू के अलावा हम पार्टी और VIP शामिल रही. महागठबंधन में राजद सबसे बड़ी पार्टी रही और कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी बनी. इसके अलावा महागठबंधन में लेफ्ट पार्टियां शामिल रहीं. एनडीए में जदयू ने 115 सीट, बीजेपी ने 110 सीट, वीआईपी ने 11 और HAM पार्टी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. महागठबंधन में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था. RJD के अलावा कांग्रेस 70, CPI (ML) 19, CPI 6 और CPI (M) 4 सीटों पर चुनावी मैदान में थीं. 
 
अगर एग्जिट पोल को देखें, तो इस बार बिहार में तेजस्वी यादव का जलवा दिख सकता है. इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में महागठबंधन को 139 से 161 तक सीटें मिल सकती हैं. जबकि एनडीए 100 से भी कम सीटों पर सिमट सकता है. एग्जिट पोल के अनुसार, इस बार एनडीए सिर्फ 69 से 91 सीटों के बीच में सिमट सकती है.

सिर्फ इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ही नहीं बल्कि अन्य एग्जिट पोल में भी महागठबंधन की सरकार बनती दिख रही है. सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, महागठबंधन को 120 और एनडीए को 116 सीटें मिल सकती हैं. जबकि टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल ने महागठबंधन को 180 और एनडीए को 55 सीटें दी हैं.

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