जैसे-जैसे देश लोकसभा चुनाव की तरफ आगे बढ़ रहा है, सियासत भी गरमा रही है. गठबंधन की राजनीति के इस दौर में राजनीतिक दल अपने सहयोगी को भी आंख दिखाकर प्रेसर पॉलिटिक्स करने से गुरेज नहीं करते हैं. बिहार में जारी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नीत महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. आरजेडी के प्रवक्ता विजय प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश में बड़े दल के नेता हो सकते हैं, लेकिन बिहार में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाना चाहिए.
विजय प्रकाश यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि देश में राहुल गांधी कहीं भी चेहरा चमकाएं, लेकिन बिहार को उन्होंने अपने भरत यानी तेजस्वी यादव को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव जो निर्णय लेंगे वही मान्य होगा.
इससे पहले भी कई मौकों पर नेतृत्व को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के बीच बयानबाजी बाहर निकलकर आती रही है. शुक्रवार को भी आरजेडी नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा था कि बिहार में महागठबंधन का चेहरा लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव का होगा. इन दोनों चेहरों को लेकर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के नेताओं को भी दोनों चेहरों पर भरोसा है.
वहीं, आरजेडी नेता के बयान का हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी किया था. उन्होंने भी लालू प्रसाद यादव को ही महागठबंधन का चेहरा बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि लालू यादव के बाद तेजस्वी यादव का ही चेहरा सर्वमान्य है.
आरजेडी और हम नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा था कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय स्तर का चुनाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच यह एक राजनीतिक लड़ाई है. उन्होंने कहा कि बिहार में भी महागठबंधन का चेहरा राहुल गांधी ही होंगे.
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