डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रंप की आर्थिक रणनीति पूरी तरह से धनी और बड़े लोगों की मदद करने पर केंद्रित रही है। बिडन ने कहा उनकी गलत नीतियों को दुष्परिणाम अमेरिका को झेलना पड़ा है। इसके साथ ही अमेरिका में कोरोना महामारी के बीच होने वाले राष्ट्रपित चुनाव की जमीन तैयार हो गई।
देश में केवल अप्रैल महीने में 2.05 करोड़ अमेरिकी नागरिकों से हाथ धोना पड़ा। देश में अभूतपूर्व 14.7 फीसद बेरोजगारी दर बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ट्रंप की गलत नीतियों के कारण देश पहले ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था।
लेकिन इस आपदा ने देश की आर्थिक स्थिति और बदहाल हो गई है। ट्रंप ने कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उचित समय पर जरूरी उपाय नहीं किए। इसे रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए।
इसके चलते कोरोना एक राष्ट्रव्यापाी समस्या में तब्दील हो गई। कोरोना महामारी का प्रतिकुल असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। कोरोना ने देश की आर्थिक चुनौतियों को विकट बनाया है।
पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यस्था की दुर्गति में राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा योगदान है। उन्होंने इसके लिए ट्रंप की तीन बड़ी भूलों का जिक्र किया, जिसने देश की अर्थव्यस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला।
विडेन ने कहा कि ट्रंप ने सत्ता संभालते ही अपने आर्थिक एजेंडा में तीन बड़ी भूलें की थी। ये भूल ही मौजूदा आर्थिक संकट को गति प्रदान कर रही हैं। उनकी पहली बड़ी भूल देश की आर्थिक प्रगति का मुख्य आधार शेयर बाजार को बनाना था।
दूसरी भूल धनी और बड़े निगमों की मदद करने की रणनीति अपनाई, जिससे छोटे उद्यम उपेक्षित रहे। ट्रंप प्रशासन ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया। तीसरी भूल मध्यम वर्ग की उपेक्षा है। चुनाव के दौरान उन्होंने मध्यम वर्ग के उत्थान का वादा किया था, जिसे वह भूल गए।
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