दुनिया के बाकी हिस्से की तरह अमेरिका में भी ज्यादातर लोग अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार ने फैसला किया है कि 9/11 के मास्टरमाइंड और अलकायदा आतंकी सहित जेल में बंद किए गए करीब 40 लोगों को ज्यादातर अमेरिकियों से पहले कोरोना वैक्सीन दी जा सकती है. इस फैसले को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है.

असल में अलकायदा आतंकी सहित कुछ अन्य अपराधियों को अमेरिका ने ग्वांतानामो बे की जेल में बंद कर रखा है. अब प्रशासन के एक दस्तावेज से पता चला है कि अगले हफ्ते ही इन आतंकियों को कोरोना वैक्सीन ऑफर की जाएगी. यह आतंकियों पर निर्भर करेगा कि वह वैक्सीन लगवाना पसंद करते हैं या नहीं. लेकिन पेंटागन के एक अधिकारी ने उस मेमो पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिससे ग्वांतानामो बे के लिए कोरोना वैक्सीन की डिलिवरी का रास्ता साफ हो गया है.
ऐसा समझा जा रहा है कि आतंकियों को इसलिए वैक्सीन पहले लगाने का फैसला किया गया है ताकि कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाना आसान हो सके. क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से कई आतंकियों के मामले की सुनवाई में देरी हो रही थी.
लेकिन एक तरफ ज्यादातर अमेरिकी अभी कोरोना वैक्सीन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और देश में वैक्सीन की खुराक की कमी होने की बात भी कही जा रही है, इसी दौरान आतंकियों के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने के फैसले पर कई अमेरिकी राजनेताओं ने सवाल उठाए हैं.
अब तक अमेरिका में सिर्फ 2 करोड़ 60 लाख लोगों को ही कोरोना वैक्सीन की खुराक मिली है. 9/11 हमले के वक्त न्यूयॉर्क शहर के फायर कमिश्नर रहे टॉम वॉन एसेन ने कहा कि सरकार ऐसा नहीं कर सकती है. यह मूर्खतापूर्ण है. वहीं, रिबल्किकन सासंद एलिस स्टीफनिक ने कहा है कि अमेरिका के बुजुर्ग लोगों से पहले दोषी करार दिए गए आतंकियों को वैक्सीन देना गलत है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal