रामपुर सांसद आजम खां, उनकी पत्नी विधायक तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सीतापुर जेल से रामपुर के कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट में आजम खां को पत्नी और बेटे समेत सीतापुर की जेल में स्थानांतरित किए जाने के मामले पर सुनवाई होगी।
आजम खां को सीतापुर की जेल भेजे जाने पर उनके अधिवक्ताओं ने आपत्ति लगाई है, जिस पर 29 फरवरी को बहस हुई थी और सुनवाई की अगली तिथि तीन मार्च निर्धारित की गई थी। कोर्ट से कुर्की का आदेश जारी होने के बाद सांसद आजम खां ने 26 फरवरी को पत्नी और बेटे समेत अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया था। 27 फरवरी की सुबह तीनों को सीतापुर जेल भेज दिया था। इस पर आजम खां के वकीलों ने एडीजी-6 धीरेंद्र कुमार की कोर्ट में आपत्ति लगाई थी और कहा था कि अदालत की अनुमति के बिना आजम खां को सीतापुर क्यों भेजा गया। कोर्ट ने जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को तलब कर लिया था।
29 फरवरी को जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर ने सांसद आजम खां को पत्नी और बेटे सहित सीतापुर की जेल भेजे जाने की वजह बताई थी। शासकीय अधिवक्ता ने शासनादेश का हवाला देकर कहा था कि किसी भी बंदी को अदालत की जानकारी के बिना दूसरी जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है।
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि तीन मार्च निर्धारित कर दी थी। सुनवाई के दौरान सांसद आजम खां, तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम को भी पेश किया जा सकता है। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
सपाइयों से सांसद आजम खां की मुलाकात कराने वाले पुलिस कर्मियों की जानकारी तलब कर ली गई है। इस बारे में पूछा गया कि 29 फरवरी को अदालत परिसर के गेट पर किन पुलिस कर्मियों की ड्यूटी थी और उन्होंने किस वजह से सपाइयों को कोर्ट परिसर में आजम खां के पास जाने दिया।
नए एसपी शगुन गौतम ने भी मीटिंग के दौरान पूछा है कि उस दिन गेट पर किस-किस की ड्यूटी थी और गेट के पास जाम की स्थिति क्यों थी। अधिकारी इस मामले को लेकर इसलिए गंभीर हैं कि इसकी गूंज शासन तक पहुंच गई है। इस मामले में पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
रामपुर के नए एसपी शगुन गौतम ने कहा कि सांसद आजम खां की कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। कोर्ट परिसर के पास अनावश्यक रूप से भीड़ नहीं जमा होने की जाएगी।