उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन देश और विश्व के कल्याण के लिए काल भैरव मंदिर में पूजा की, उसके बाद वे काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. योगी ने 51 किलो दूध से बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में एक सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने गंगा नदी की महत्ता बताते हुए ‘नमामि गंगे’ योजना की तारीफ की. बीएचयू में सीएम योगी ने सभी को गंगा को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाई. योगी ने कहा कि गंगा को साफ करने के लिए जनसहयोग की जरूरत है. गंगा में कपड़ा फेंकना, पैसे डालना, पूजा का सामान डालना और गंदगी के तमाम दूसरे तरीकों को खत्म करना होगा.
राज्य सरकारों के असहयोग से फेल हुआ गंगा एक्शन प्लान
सीएम योगी ने बताया कि 2010 में गंगा एक्शन प्लान को राज्यों की सहमति ना मिलने से सफलता नहीं मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए 20 हजार करोड़ की ‘नमामि गंगे’ योजना की शुरुआत की है. योगी ने गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए सलाह दी कि गंगा के किनारे कुंड बनाकर उसमें पूजा का सामान अर्पित करना चाहिए, गंगा नदी में नहीं.
मिनी पीएमओ पहुंचे सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि गंगा हमारी पहचान नहीं हो सकती, स्वच्छता हमारी पहचान होनी चाहिए. संबोधन से पहले सीएम ने वाराणसी के मिनी पीएमओ में लोगों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुनीं. सीएम योगी 27 मई को दिनभर कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और शाम को लखनऊ लौट जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 25 ग्राम प्रधानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि गंगा को साफ करने के लिए जनसहयोग की जरूरत है. इसलिए प्रदेश के उन पंचायत प्रतिनिधियों का ये सम्मलेन बुलाया गया है, जो पंचायत गंगा किनारे हैं. 25 जनपदों के 1627 गांव गंगा किनारे हैं. गंगा को साफ करने में इनकी बड़ी भूमिका हो सकती है.
सीएम योगी ने कहा, ‘हमारे शहरों और कस्बों के गंदे पानी को गंगा में गिरने से रोकना होगा. उत्तराखंड में गंगा के जल में आज भी मिठास है. गंगा किनारे बसे गांव से मैं अपील करूंगा कि वे अपने गांव में वृक्षारोपण करें. सरकार उनका सहयोग करेगी. गंगा में कपड़ा फेंकना, पैसे डालना, पूजा का सामान डालना और गंदगी के तमाम दूसरे तरीकों को खत्म करना होगा. गंगा हमारी मां हैं तो उनको साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है.’