देहरादूनः उत्तराखंड के उप वन संरक्षक (डीएफओ) महातिम यादव ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवा निवृत) से गुरुवार को राजभवन में मुलाकात करके वनाग्नि प्रबंधन के संबध में प्रस्तुतिकरण दिया।
महातिम यादव ने डीएफओ, अल्मोड़ा रहते हुए वनाग्नि से निपटने और उसके समाधान के लिए शोध पत्र तैयार किया था, जिसे उन्होंने राज्यपाल के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जनसहयोग और विभागीय समन्वय से अल्मोड़ा के स्याहीदेवी क्षेत्र में वनों को बचाया गया है। उन्होंने 2022 में वनाग्नि के दौरान आई चुनौतियों का भी उल्लेख किया। वहीं राज्यपाल ने उनके प्रस्तुतीकरण की सराहना करते हुए कहा,‘‘ वनाग्नि हमारे लिए एक बड़ी चुनौति के रूप में है। इससे निपटने के लिए ठोस समाधान की जरूरत है। प्रतिवर्ष वनाग्नि से हमारी वन संपदा को भारी नुकसान उठाना पड़ता है इसके साथ-साथ यह ग्लोबल वार्मिंग के लिए भी जिम्मेदार है।”
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा, ‘‘उत्तराखंड में 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में वन हैं। हमें इन्हें बचाने के लिए अधिक से अधिक जन सहयोग के प्रयास करने चाहिए। इस प्रकार के अनुसंधान की आवश्यकता है, जिससे वनाग्नि को रोकने में सफलता मिल सके।