गुजरात और महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने रोहतक को हरियाणा का गौरव बताते हुए कहा कि सही मायने में हरियाणा की आत्मा को समझने के लिए रोहतक आना चाहिए। जिला बार एसोसिएशन में आयोजित एक कार्यक्रम में वकीलों को संबोधित करते हुए उन्होंने रोहतक की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की सराहना की।
रोहतक बार का गौरवशाली इतिहास
राज्यपाल ने कहा कि रोहतक जिला बार एसोसिएशन ने देश की आजादी से पहले ऐसे अधिवक्ता दिए, जिन्होंने समाज सेवा के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने चौधरी छोटूराम, लाला लाजपत राय, श्रीचंद, चौधरी करतार सिंह दौलता और चौधरी लालचंद जैसे महान व्यक्तित्वों का जिक्र किया, जो रोहतक से जुड़े रहे और जिन्होंने समाज सुधार के साथ आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया।
आर्य समाज से गहरा नाता
आचार्य देवव्रत ने अपनी आर्य समाज की पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए बताया कि वे अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल में पांच गुरुकुल संचालित करते हैं। उन्होंने कहा कि रोहतक में आर्य समाज की जड़ें बहुत गहरी रही हैं और हर गांव इससे जुड़ा था। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद पाकिस्तान से आए एक परिवार ने उनसे साझा किया था कि उस समय रोहतक में मांस और शराब की कोई दुकान नहीं थी। लोग सात्विक और मूल्यों से भरा जीवन जीते थे, और हर गांव में अखाड़ा हुआ करता था।
रोहतक हरियाणा की पहचान
राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि रोहतक हरियाणा का गौरव है और इसे हरियाणा की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने रोहतक की सादगी और मूल्य-आधारित जीवनशैली की प्रशंसा की।
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