राजस्थान के करौली जिले में पुजारी की मौत मामले में राज्य सरकार बैकफुट पर है। वहीं, विपक्षी दल भाजपा लगातार अशोक गहलोत सरकार को निशाने पर ले रही है। इसी बीच, पुजारी के परिजनों ने अपनी मांग पूरी नहीं होने तक मृतक की अंतिम यात्रा निकालने से मना कर दिया है।

पुजारी बाबूलाल के रिश्तेदार ललित ने कहा, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती हम शरीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।
उन्होंने कहा, सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और आरोपियों का समर्थन करने वाले पटवारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। हम परिवार के लिए सुरक्षा की भी मांग करते हैं।
गौरतलब है कि करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी। बाद में इलाज के दौरान पुजारी की मौत हो गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने सवाल किया कि क्या यही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भयमुक्त राजस्थान है, जिसका उन्होंने वादा किया था।
वहीं, भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राजस्थान में आज कोई सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां न महिलाएं सुरक्षित हैं और न ही बच्चे, यहां पुजारी भी सुरक्षित नहीं हैं।
जयपुर ग्रामीण सीट से लोकसभा सांसद राठौर ने इस घटना के लिए अशोक गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि महीनों तक पांच सितारा होटल में रहने वाली सरकार केवल खुद की सुरक्षा कर सकती है, जनता की नहीं। एनसीबी के डाटा के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है।
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