राजस्थान में ऑडियो टेप वायरल होने के बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) एक्शन में है. एसओजी की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है.
टेप कांड में अशोक सिंह नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. अशोक सिंह ने जयपुर की एडीजे कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई है. एडीजे कोर्ट में एफआईआर 47 के मामले में एसओजी के केस की सुनवाई हुई.
एसओजी ने टेप कांड में अशोक सिंह को उदयपुर से हिरासत में लिया था. अशोक सिंह पर आरोप है कि उसने भरत मलानी नाम के शख्स के साथ मिलकर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार के खिलाफ साजिश रची. एसओजी ने अशोक सिंह की बातचीत का टेप एडीजे कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया.
राजस्थान में ऑडियो टेप वायरल होने के बाद यहां की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तेज कर दिए हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी राजस्थान की गहलोत सरकार को अस्थिर कर रही है. जबकि बीजेपी का कहना है कि उसे इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है.
टेप मामले में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने दो शिकायतें दर्ज कराई हैं. ये मामले सेक्शन 124ए (राजद्रोह) और 120बी (साजिश रचने) में दर्ज कराए गए हैं. ऑडियो क्लिप की सत्यता की जांच की जा रही है.
इससे पहले विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई गई. केस दर्ज होने के बाद एसीबी मुख्यालय में महेश जोशी के बयान दर्ज कराए गए. इस एफआईआर में विधायक भंवरलाल शर्मा को नामजद किया गया है.