राजधानी में बिजली संकट गर्मी के साथ बढ़ रहा है। तापमान बढ़ने से ट्रासफार्मर फुंक रहे हैं और एरियर बंच कंडेक्टर एबीसी जल रहीं हैं। विजय नगर फीडर एबीसी डैमेज होने से बंद रहा, जबकि आलमबाग के चित्रगुप्त नगर और स्नेह नगर में 11 केवी फीडर ब्रेक डाउन से बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। वहीं, इंदिर नगर सी और डी ब्लाक, जानकीपुरम विस्तार साठ फिटा रोड, अलीगंज सेक्टर बी, वृंदावन सेक्टर 4 बी सहित शहर के कई हिस्सों में कई दिनों से लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। इससे उपभोक्ताओं में रोष है। अभियंताओं के मुताबिक, लक्ष्मणपुरी फीडर के एबीसी में आग लगने से 630केवीए का ट्रासफार्मर बंद हो गया। इससे दो सौ से अधिक घरों में बिजली संकट रहा। इंद्रा पुरी फीडर के ब्रेक डाउन आने से बिजली कई घटे तक गुल रही। जबकि 250केवीए ट्रासफार्मर के स्थान पर ट्राली ट्रासफार्मर लगाकर सप्लाई सुचारु की गई। बेबी मार्टिन स्कूल एबीसी गिरने पर 400केवीए ट्रासफार्मर प्रभावित रहा। अलीगंज सेक्टर बी के स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से बिजली रात में गुल हो रही है और सुबह आठ से नौ बजे के बीच आ रही है। यही नहीं दोपहर में भी आधा-आधा घटे के लिए कटौती की जा रही है। इंदिरा नगर डी ब्लाक में पिछले कई दिनों से दिन और रात में कई बार बिजली की कटौती की जा रही है।
उधर 11 केवी सीजी सिटी फीडर का केबल कट जाने से एनएचएआइ के पास एचसीएल, आइटी सिटी, सुलतानपुर रोड, अहिमामऊ, स्वास्तिक सिटी, एकता नगर, गीता कालोनी, लॉ कॉलेज की बिजली प्रभावित रही। 33 केवी मोहान रोड ब्रेक डाउन आने से बिजली संकट रहा।
मेट्रो सिटी का मीटर फुंकने से घटों ठप रही आपूर्ति
निशातगंज स्थित मेट्रो सिटी में रात दो बजे परिसर में लगे क्यूबिक मीटर के जलने से कई घटे बिजली संकट रहा। इससे हजारों आवंटियों को सुबह 11:45 बजे तक बिना बिजली के रहना पड़ा। अधिशासी अभियंता ने सूचना मिलते ही रात में सप्लाई ठप कराई और सुबह पहुंचकर टीम की मदद से आपूर्ति बहाल करवाई। मार्टिनपुरवा से 33केवी लाइन का सिंगल स्त्रोत ही मेट्रो सिटी के लिए है, भविष्य में अगर भूमिगत केबल में फाल्ट आता है तो हजारों आवंटियों को कई घटे तक बिना बिजली के रहना पड़ा सकता है।
अधिशासी अभियंता एसबी सिंह ने बताया कि सुबह नौ बजे पहुंचकर काम शुरू करवा दिया गया था। मेट्रो सिटी में तीन हजार किलोवॉट का लोड स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में पंद्रह सौ किलोवॉट की खपत हो रही है। रात में बिजली जाने के कारण आवंटी परेशान रहे। स्थानीय निवासियों ने बताया कि परिसर में बैक अप की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सैकड़ों आवंटियों को रात भर जागना पड़ा। 1अभियंताओं ने बताया कि अमूमन इतने बड़े लोड वाले टावरों में 33 केवी की दो लाइन होती हैं, जबकि यहा सिर्फ एक लाइन पर कई टावरों की बिजली जल रही है। अमूमन लाइन में फाल्ट नहीं आता है, लेकिन अगर कभी कोई भूमिगत लाइन में फाल्ट आता है तो उसे लोकेट करने में अभियंताओं को घटों लग सकते हैं। फिर मरम्मत व सप्लाई बहाल करने के दौरान मेट्रो सिटी के आवंटियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। अभियंताओं के मुताबिक मार्टिनपुरवा से अगर तीन किमी. की भूमिगत लाइन विकल्प के तौर पर और मेट्रो सिटी के लोग डलवा दे, तो उनके लिए विकल्प हमेशा खुलेंगे और फाल्ट आने पर दूसरी लाइन चंद मिनट में शुरू की जा सकेगी।
क्या है क्यूबिक मीटर?
जिन परिसरों में अधिक लोड होता है और ट्रासफार्मर लगाए जाते हैं। उनका एक मीटर ट्रासफार्मर के साथ भी लगाया जाता है। जिससे अभियंता वहा से भी परिसर में खपत हो रही बिजली की रीडिंग ले सकते हैं। उसे क्यूबिक मीटर कहते हैं। उक्त मीटर लगाने के पीछे उद्देश्य होता है कि परिसर व बाहर लगे मीटर की यूनिट में अंतर न हो। अंतर होने पर गड़बड़ी की आशका रहती है।
हेल्पलाइन 1912 पर भी नहीं मिल रही सही जानकारी :
बिजली संबंधी समस्या के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन पर भी कोई जानकारी नहीं मिल रही है। पीड़ित उपभोक्ताओं ने बताया कि बिजली जाने पर 1912 पर संपर्क करने पर उधर से सिर्फ एक ही जवाब मिलता है कि अभी हमारे पास फाल्ट संबंधी कोई सूचना नहीं है, जल्द ही इस बारे में आपको अपडेट दिया जाएगा, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी जाती है।