राजधानी के निशातगंज स्थित उमराव सिनेमा हॉल की नई बिल्डिंग तैयार हो गई है। 19 अगस्त से दर्शकों के लिए यह हॉल शुरू हो जाएगा। 18 अगस्त को इसका शुभारंभ किया जाएगा। यह राजधानी का तीसरा सिंगल सिनेमा होगा जो मल्टीप्लेक्स में तब्दील होगा। इससे पहले लालबाग स्थित नॉवेल्टी व आलमबाग का कृष्णा सिनेमा मल्टीप्लेक्स में तब्दील हो चुके हैं।

उमराव सिनेमा के मालिक आशीष अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक वर्ष से सिनेमा हॉल का काम तेजी से चल रहा था। इस पांच मंजिला इमारत में लोअर ग्राउंड, अपर ग्राउंड समेत तीन फ्लोर बनाए गए हैं। इसके अलावा पार्किंग के लिए दो बेसमेंट भी बनाए गए हैं। इसमें तीन स्क्रीन बनाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि 19 अगस्त 1976 में उमराव सिंगल सिनेमा की शुरुआत हुई थी। इसलिए 19 अगस्त को इसे दोबारा दर्शकों के लिए शुरू किया जाएगा। इस सिनेमा में पहली फिल्म कादांबरी फिल्म लगी थी। उसके बाद से अब तक हजारों फिल्में इस थियेटर में लग चुकी हैं। सितंबर 2014 में यह बंद हो गया।
बाटला हाउस व मिशन मंगल से होगी शुरुआत
जॉन अब्राहम अभिनीत फिल्म बाटला हाउस व अक्षय कुमार की मिशन मंगल से उमराव सिनेमा की दोबारा शुरुआत होगी। यह दोनों फिल्में 15 अगस्त को पूरे भारत में रिलीज हो रही हैं। इसके अलावा हॉलीवुड की फिल्म को भी ओपनिंग शो में दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।
जब लगता था सितारों का जमावड़ा
राजधानी के निशातगंज स्थित उमराव सिंगल स्क्रीन सिनेमा का एक समय पर जलवा था। इसमें सितारों का जमावड़ा लगा रहता था। यहां सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेता शशि कपूर, फारुख शेख, रेखा, इमरान हाशमी, मल्लिका शेरावत जैसे सितारे अपनी आमद दर्ज करा चुके हैं। एक समय था जब सिंगल स्क्रीन का बोलबाला था, जो भी अभिनेता राजधानी आता था, तो सिनेमाघर जरूर आता था।
नवंबर-दिसंबर में शुरू होगा साहू सिनेमा
हजरतगंज स्थित साहू सिनेमा भी जल्द नए क्लेवर के साथ दिखाई देगा। नवंबर-दिसंबर में यह सिनेमा दर्शकों के लिए फिर से शुरू होगा। यह मल्टीप्लेक्स की तरह बनाया गया है, लेकिन इसमें एक ही स्क्रीन बनाई गई है। हॉल का काम लगभग पूरा हो गया है, सिर्फ इंटीरियर का काम बाकी है।
नाइट शो में देखता था फिल्में
निशातगंज के व्यापारी धर्मेंद्र शुक्ला बताते हैं कि उस जमाने के बड़े स्क्रीन वाले सिनेमा में से एक उमराव भी था। पहली बार मैं अपने चाचा के साथ उमराव में फिल्म देखने गया था। निशातगंज इलाके में एक ही सिनेमा था और मेरे घर के बहुत पास था, तो जब भी जी चाहता फिल्म देखने चला जाता।
बड़ी जबरदस्त थी उमराव की ओपनिंग
वरिष्ठ रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ बताते हैं कि जब उमराव खुला था, तो उसकी ओपनिंग बहुत जबरदस्त हुई थी, काफी लोग आए थे। बहुत भीड़ थी, मैं भी गया था। उस जमाने का सबसे अच्छा हॉल माना जाता था। उस समय घरों में एयरकंडीशन नहीं था, ऐसे में एयरकंडीशन हॉल में बैठना अपने आप में एक सुखद अनुभव था। हम लोग फिल्म देखने के साथ ऐसी में तीन घंटा बिताने के लिए भी जाते थे।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal